बदायूं जिले में पुलिस जमकर मनमानी करती नजर आ रही है। जो पुलिस घटना स्वीकार नहीं कर रही थी, उसी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन, मुकदमा में पुलिस ने मूल घटना का उल्लेख ही नहीं किया है, जबकि पीड़ित का कहना है कि उसने बारात पर धावा बोलने की ही तहरीर दी है।
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उल्लेखनीय है कि उघैती थाना क्षेत्र के गाँव बाला किशनपुर में जाटव परिवार में जरीफनगर थाना क्षेत्र के गाँव रसूलपुर से शनिवार रात बारात आई थी। बारात चढ़ते समय दबंग यादवों के करीब 60-70 लड़कों ने बारात रोक दी थी। आरोप है कि विरोध करने पर यादवों के दबंग लड़कों ने मारपीट की। समय से सूचना देने के बावजूद पुलिस देर से पहुंची लेकिन, पुलिस ने मौजूद रह कर बाद में बारात चढ़वा दी थी, साथ ही पीड़ित से तहरीर ले ली थी।
रविवार देर शाम तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। गौतम संदेश ने खबर प्रकाशित कर दी तो, प्रकरण बड़े अफसरों के संज्ञान में पहुंच गया। अफसरों के निर्देश पर थाना पुलिस ने आज मुकदमा अपराध संख्या- 126/18 धारा- 147, 323, 324 आईपीसी व 3 (1) द एक्ट के अंतर्गत दर्ज कर लिया है लेकिन, पीड़ित का कहना है कि उसकी दी गई तहरीर पर मुकदमा नहीं लिखा गया है। पुलिस ने घटना को बदल दिया है। उक्त प्रकरण को अफसरों ने गंभीरता से ले लिया तो, एसओ बच नहीं पायेंगे। यह भी बता दें कि आज कई राजनैतिक व्यक्ति मौके पर पहुंचे थे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था।
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