बदायूं जिले में स्थित सहसवान कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से रात भर अवैध रूप से खनन का धंधा किया जा रहा है। रात के अँधेरे में सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली बालू निकाल कर माफिया हजम कर जाते हैं। लाखों रूपये महीने का सरकार को चूना लग रहा है पर, मिलीभगत और भ्रष्टाचार के चलते सब मौनधारण किये हुए हैं।
चुनावी माहौल में भाजपा के नेता विशाल जनसभाओं में दावे करते नजर आते हैं कि सपा सरकार में बदायूं में अवैध खनन होता था, जो भाजपा सरकार आते ही बंद हो गया पर, असलियत यह है कि अवैध खनन का धंधा बदस्तूर जारी है। अंतर सिर्फ इतना आया है कि पहले अवैध खनन का धंधा नेताओं के दबाव और संरक्षण में होता था और अब माफिया पुलिस-प्रशासन से मिल कर कर रहे हैं। सहसवान कोतवाली की पुलिस यूपी- 100 व लेखपाल से मिल कर रात भर अवैध रूप से बालू हजम किया जा रहा है।
सहसवान कोतवाली क्षेत्र में एक गाँव है खैरपुर, यहाँ एक नदी बहती है, जिसमें बालू निकलता है। गंगा पर बड़े अफसरों की नजर रहती है, जिससे माफियाओं ने इस अलोकप्रिय नदी को अवैध खनन के लिए चुना है, यहाँ रात होते ही अवैध खनन शुरू हो जाता है और सुबह तक सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत निकाल कर माफिया हजम कर जाते हैं।
शनिवार रात में कुछ जागरूक नागरिकों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोक लिए और उसके चालक से सवाल-जवाब किये तो, चालक ने बताया कि वासिद नाम के माफिया के लिए काम कर रहे हैं वे पर, सूत्रों का कहना है कि धंधे में चार साझीदार हैं, जिनमें एक अखबार का एजेंट भी शामिल है, जो स्वयं को पत्रकार बता कर पुलिस से सांठ-गांठ करता है, यह एजेंट एक भू-माफिया का भी चेला है, जिससे उसी की राह पर चल पड़ा है।
खैर, चुनावी सभाओं में भाजपा नेता अवैध खनन बंद होने के दावे कर रहे हैं, वहीं जनता रात भर अपनी आँखों से अवैध खनन होते देखती है तो, भाजपा नेताओं के दावे स्वतः ही हवा में उड़ जाते हैं। आम जनता जो देख रही है, वह सच है, इसलिए झूठे दावों का भाजपा को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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