बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेता और अफसर सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर चाहे जो दावे कर रहे हों लेकिन, जमीनी हकीकत बेहद भयावह नजर आ रही है। यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म जैसी वारदातों में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने ही बंद कर दिए हैं। पीड़ित को पुलिस कर्मी एसएसपी तक से नहीं मिलने देते।
हृदय विदारक वारदात सहसवान कोतवाली क्षेत्र की है। एक गाँव में 7 वर्षीय बच्चे को गाँव का ही दरिंदा जंगल में सरसों की फसल के बीच घसीट ले गया। बच्चा चीखता रहा लेकिन, दरिंदे ने उसे नहीं छोड़ा। दुष्कर्म के चलते बच्चा बुरी तरह लहूलुहान हो गया। किसी तरह घायल बच्चा घर पहुंचा, जिसके बाद परिजनों को जानकारी हुई। पिता घायल बच्चे को लेकर सहसवान कोतवाली पहुंचा तो, पुलिस ने न मुकदमा दर्ज किया और न ही बेरहम पुलिस ने घायल बच्चे को उपचार के लिए भेजा।
घायल बच्चे को लेकर पिता कोतवाली में आया है, इसकी भनक किसी तरह दरिंदे को लग गई तो, उसने कोतवाली से लौटते समय रास्ते में ही घेर लिया और पिता की बेरहमी से मार लगाई। पिता का सिर फट गया है। घायल पिता घायल बेटे को लेकर पुनः कोतवाली पहुंचा पर, पुलिस ने न मुकदमा दर्ज किया और न ही उपचार कराया।
14 मार्च से लगातार प्रयास करने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो, पीड़ित शुक्रवार को एसएसपी से मिलने आया, यहाँ उसे एसएसपी से नहीं मिलने दिया गया। पीड़ित ने बताया कि एक दरोगा ने प्रार्थना पत्र लेकर वापस लौटा दिया। बता दें कि सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर भाजपा नेता और अफसर विकास कार्यों और कानून व्यवस्था को लेकर गुणगान करते नजर आ रहे हैं लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है।
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