बदायूं जिले में लड़कियाँ दबंगों और दरिंदों का शिकार हो रही हैं, वहीं पुलिस भी दरिंदों के साथ खड़ी नजर आ रही है। दरिंदों से पीड़ित लड़कियाँ लड़ने को तैयार हैं लेकिन, पुलिस की बेरुखी सहन नहीं कर पा रही हैं। लड़कियाँ चीख-चीख कर कह रही हैं कि उनका यौन उत्पीड़न हुआ है लेकिन, पुलिस उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं है।
सनसनीखेज वारदात मूसाझाग थाना क्षेत्र की है। रिश्ते की बुआ-भतीजी कक्षा- नौ और दस की छात्रा हैं, शुक्रवार शाम को दोनों छात्रायें शौच कर घर लौट रही थीं तभी, दोनों को कई लोगों ने दबोच लिया और गन्ने की फसल के बीच ले जाकर सामूहिक यौन उत्पीड़न कर दिया। लड़कियों की चीखें सुन कर ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे तो, दबंग आरोपियों ने परिजनों को पीट पर अपने घर में उल्टा बंद कर लिया, जिन्हें यूपी- 100 ने आकर मुक्त कराया।
थाना पुलिस ने यौन उत्पीड़न की वारदात को दबा दिया और दोनों पक्षों के कई लोगों का धारा- 151 के अंतर्गत चालान कर दिया, साथ ही पुलिस फैसला कराने के प्रयास करती रही। पुलिस मुकदमा दर्ज किये बिना मेडिकल परीक्षण करा सकती थी। मेडिकल रिपोर्ट सकारात्मक आती तो, पुलिस आगे की कार्रवाई कर सकती थी लेकिन, पुलिस ने स्वयं ही मान लिया कि कुछ नहीं हुआ, जबकि यौन उत्पीड़न के प्रकरण में पीड़ित का कहना ही काफी होता है। पुलिस से न्याय न मिलने पर पीड़ित लड़कियाँ आज मीडिया के सामने आईं और न्याय की गुहार लगाई।
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