बदायूं जिले में पुलिस मुकदमा दर्ज करने से बचती है, जिससे कई प्रकरण गंभीर होते चले जाते हैं। गौतम संदेश की खबर को संज्ञान में लेते हुए शीर्ष अफसरों ने निर्देश देकर दो छात्राओं के साथ हुए सामूहिक यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। मेडिकल परीक्षण में एक लड़की का यौन उत्पीड़न होने की पुष्टि हुई है।
उल्लेखनीय है कि मूसाझाग थाना क्षेत्र की रिश्ते की बुआ-भतीजी कक्षा- नौ और दस की छात्रा हैं, इन्होंने आरोप लगाया था कि शुक्रवार शाम को वे दोनों शौच कर घर लौट रही थीं तभी, दोनों को कई लोगों ने दबोच लिया था और गन्ने की फसल के बीच ले जाकर दोनों का सामूहिक यौन उत्पीड़न किया था, उनकी चीख-पुकार सुन कर ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंच गये थे, जिन्हें देख कर भागने की जगह दबंग आरोपियों ने परिजनों को पीट पर अपने घर में उल्टा बंद कर लिया था, जिन्हें यूपी- 100 ने आकर मुक्त कराया था।
प्रकरण थाना पुलिस के संज्ञान में पहुंचा तो, पुलिस ने दोनों पक्षों के कई लोगों का धारा- 151 के अंतर्गत चालान कर दिया था, साथ ही पुलिस यौन उत्पीड़न के आरोप पर फैसला कराने के प्रयास करती रही थी लेकिन, पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए लड़कियाँ रविवार को मीडिया के सामने आईं थीं और न्याय की गुहार लगाई थी।
पीड़ित लड़कियों की गुहार को गौतम संदेश ने प्रकाशित किया तो, प्रकरण शीर्ष अफसरों के संज्ञान में पहुंच गया। अफसरों के निर्देश पर थाना पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या- 50/18 धारा- 147/148/149/323/342/376डी आईपीसी दर्ज कर पीड़ित लड़कियों को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला महिला अस्पताल भेज दिया, जहाँ एक लड़की ने स्वयं ही कह दिया कि उसके साथ कुछ नहीं हुआ था, इसलिए वह मेडिकल परीक्षण कराने से मना कर रही थी, वहीं दूसरी लड़की का यौन उत्पीड़न होने की पुष्टि हुई है, उसके शरीर पर चोटों के निशान भी हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)
पढ़ें: पुलिस से न्याय न मिलने पर मीडिया के सामने आईं पीड़ित लड़कियाँ