बदायूं जिला लड़कियों के रहने लायक नहीं रहा। हर क्षेत्र में लड़कियाँ असुरक्षित नजर आ रही हैं। नौ दिन से एक किशोरी गायब है लेकिन, पुलिस ने न संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और न ही पुलिस उसे खोजने का प्रयास कर रही है, जबकि एक पीड़िता आत्म हत्या कर चुकी है, इसके बावजूद पुलिस सक्रिय नहीं हो रही है।
प्रकरण मूसाझाग थाना क्षेत्र का है। एक व्यक्ति का कहना है कि उसकी बेटी शाम करीब छः बजे शौच के लिए गई थी, वह देर तक नहीं लौटी तो, उसकी खोजबीन की। किसी ने बताया कि लड़की एक व्यक्ति के पास देखी गई थी तो, उसके घर जाकर देखा। लड़की रजाई-गद्दों में छुपी हुई थी, वह लड़की की ओर बढ़े तो, लोगों ने लाठी-डंडों से पीटते हुए उसे दौड़ा लिया। पीड़ित थाने पहुंचा तो, पुलिस ने न संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और न ही उसे खोजने का प्रयास किया।
पीड़ित की बेटी 14 वर्ष की है, जिसको लेकर पूरा परिवार गमगीन है। घर में खाना तक नहीं पक रहा है, सबका रो-रोकर बुरा हाल है पर, पुलिस पर कोई असर नहीं है, जबकि हाल ही में पुलिस की असंवेदनशीलता के चलते एक यौन उत्पीड़न की शिकार महिला आत्मा हत्या कर चुकी है। पुलिस का यही रवैया रहा तो, लोग लड़की के जन्म पर ही कांपने लगेंगे।
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