बदायूं जिले की पुलिस अभी भी 19वीं सदी वाली सोच के साथ कार्य करती नजर आ रही है। पुलिस के लिए नियम-कानून के कोई मायने नहीं हैं और न ही मानवाधिकार मायने रखते हैं। संगठन और जीडी के नशे में चूर पुलिस के मुंह से जो निकल जाये, वही कानून हो जाता है। पुलिस की दबंगई के चलते सैकड़ों लोग परेशान हो गये। आम जनता को दबंगई दिखाने वाली पुलिस खुलेआम भ्रष्टचार करती नजर आ रही थी।
मुजरिया थाना पुलिस ने देर शाम अचानक रोडवेज बसों का मार्ग बदल दिया। दिल्ली से आने वाली बसों को बिल्सी भी नहीं बल्कि, वजीरगंज होकर निकाला जाने लगा, जबकि बदायूं दिशा से जाने वाली बसों पर कोई रोक नहीं थी, साथ ही दिल्ली दिशा से आ रहीं कारों, ट्रैक्टरों और टैंपो पर भी कोई रोक नहीं थी। आम आदमी की सवारी रोडवेज बस पर मुजरिया थाना पुलिस ने दबंगई दिखाई। पुलिस की मिलीभगत से टैंपो चालक चार गुना किराया वसूलते हुए उधर से ही जा रहे थे। मुजरिया और बदायूं के बीच में तमाम गाँव और कस्बा उझानी भी पड़ता है। बस को वजीरगंज से निकालने के कारण उझानी तक जाने वाले यात्रियों को मुजरिया चौराहे पर ही उतरना पड़ा, जो थाने के सामने खड़े होकर डग्गामारी करने वाले टैंपो से गये। बताते हैं कि दस रूपये लेने वाले टैंपो चालक प्रति यात्री से पुलिस की मिलीभगत के चलते तीस रूपये प्रति यात्री वसूल रहे थे।
इसके अलावा अन्य भारी वाहन निकलने पर भी कोई रोक नहीं थी। लकड़ियों से भरा ट्रैक्टर आया तो, खुलेआम दो सौ रूपये लेकर जाने दिया गया। पुलिस से एकतरफा मार्ग बदलने का कारण पूछा गया तो, कहा गया कि ऊपर से आदेश हैं लेकिन, आदेश नहीं दिखाया गया। मार्ग परिवर्तित करने का अधिकार सिर्फ मजिस्ट्रेट को होता है और वह भी पहले से यात्रियों और चालकों को बताया जाता है लेकिन, मुजरिया पुलिस ने किसी को कोई सूचना नहीं दी। मुजरिया पुलिस की दबंगई को देख कर अधिकांश लोग यही कहते सुने गये कि बदायूं जिले की पुलिस अभी भी 19वीं सदी में जी रही है।
इसके अलावा डीजे बजाने वालों ने महीने भर रोड पर तांडव किया। गुरूवार को एक डीजे वाले ने कछला तक जाम लगा कर रखा, उसके पास कोई परिमिशन नहीं थी पर, पुलिस ने उसे टोका तक नहीं। पुलिस की दबंगई आम आदमी पर ही चलती है, क्योंकि आम आदमी प्रतिक्रिया व्यक्त करने की स्थिति में नहीं होता। उम्मीद है कि सैकड़ों लोगों के मानवाधिकारों का हनन करने वाले मुजरिया के एसओ के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी, ताकि विभाग में मनमानी करने वालों के बीच डर पैदा हो।
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