बदायूं जिले की पुलिस को लगता है कि शराब की दुकान से झगड़ा होता है, हिंसा होती है, सांप्रदायिक तनाव होता है, सो शराब की दुकान बंद करा दी गई है। शराब की दुकान बंद कराने के पीछे व्यक्तिगत कारण नजर आ रहे हैं, क्योंकि झगड़े, हिंसा, बवाल और तनाव का कारण शराब की दुकान होती, तो जिले भर में ऐसा हो रहा होता।
उल्लेखनीय है कि सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित पनबढ़िया चौक पर बीती रात करीब 8: 30 बजे किसी बात को लेकर दो शराबी आपस में भिड़ गये। नोंक-झोंक हाथापाई में बदल गई, इसके बाद दोनों के कुछेक साथी पथराव करने लगे। पथराव के चलते भगदड़ मच गई। शराब की दुकानों सहित आस-पास का बाजार तेजी से बंद हो गया। शहर में बवाल होने की अफवाह फैल गई, जिससे लोग आशंकित हो उठे। सूचना पुलिस को मिली, तो पुलिस ने भी हड़बड़ाहट दिखाई। चारों दिशाओं से पुलिस बुला ली गई, जिससे सायरन की आवाजों ने लोगों को अफवाह पर विश्वास करने पर मजबूर कर दिया। हालाँकि पुलिस-प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। कोतवाल अजय कुमार यादव ने कई शराबियों को तत्काल दबोच लिया।
डीएम दिनेश कुमार सिंह एवं एसएसपी चन्द्रप्रकाश ने भी मौका मुआयना किया। एडीएम प्रशासन अजय श्रीवास्तव एवं एएसपी सिटी कमल किशोर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर देर रात तक तैनात रहा। अहतियातन पनबढ़िया चौक पर स्थित शराब की दुकानें बंद करा दी गईं। शराब की दुकानें रात बंद कराने का कारण लोगों को समझ आ रहा था, लेकिन आज भी शराब की दुकानें नहीं खुलने दी गई हैं, जबकि अन्य सभी दुकानें सामान्य दिनों की तरह ही खुली हैं।
बताया जा रहा है कि पुलिस के मौखिक फरमान के चलते दुकानें बंद हैं, इसलिए सवाल यह उठ रहा है कि जब शराब की दुकानें झगड़ा, हिंसा, बवाल और तनाव का कारण हैं, तो सभी दुकानें बंद क्यों नहीं कराई जा रही हैं। पुलिस भी मान रही है कि बीती रात मामूली विवाद था, कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है, ऐसा मामूली विवाद हर दुकान पर हर दिन होता है, तो फिर दुकानें क्यों बंद करा दी गई हैं। सूत्रों का कहना है कि रात की घटना की आड़ में कोई व्यक्तिगत खुन्नस निकाल रहा है।
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