बदायूं में राजनेताओं और पुलिस के बीच भ्रष्टाचार ने भयानक गठजोड़ करा दिया है, जिसके चलते डंके की चोट पर करोड़ों रूपये कीमत की जमीन पर सपा नेता द्वारा कब्जा कर लिया गया है। पीड़ित रोते हुए चीख-चीख कर जगह-जगह गुहार लगाता घूम रहा है लेकिन, न्याय करना तो बड़ी है, फिलहाल पीड़ित की कोई अफसर शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं है।
पढ़ें: ठग निकला खालिद और अय्यूब, मुकदमा दर्ज, भाई ने भी लगाया गंभीर आरोप
सनसनीखेज प्रकरण मोहल्ला जालंधरी सराय का है। बताया जाता है कि साजिद परवेज और आदिल परवेज ने वर्षों पहले प्रेम कुमार पुत्र ज्वाला प्रसाद से 292.60 वर्ग मीटर प्लॉट खरीदा था। साजिद परवेज फिलहाल मुंबई और आदिल परवेज दिल्ली में रहते हैं। पिछले दिनों इस प्लॉट में कार पार्क होने लगीं, जिसकी जानकारी आदिल परवेज और साजिद परवेज हुई तो, वे यहाँ आये और कार पार्किंग करा रहे सपा नेता से जानकारी ली तो, ज्ञात हुआ कि सपा नेता ने प्लॉट किराये पर लिया है।
आदिल परवेज और साजिद परवेज को पता चला कि उनके निजी प्लॉट का किराये का फर्जी एग्रीमेंट उनके भाई खालिद परवेज द्वारा किया गया है, साथ ही फर्जी एग्रीमेंट पर साजिद परवेज के फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिए गये हैं, यह जान कर वे चौंक गये। साजिद परवेज ने सदर कोतवाली में फर्जी दस्तावेज तैयार करने को लेकर तहरीर दी और मुकदमा दर्ज करते हुए प्लॉट खाली कराने की गुहार लगाई लेकिन, तहरीर पर यथोचित कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित साजिद परवेज सीओ, एएसपी सिटी, एसएसपी और डीआईजी तक गुहार लगा चुका है लेकिन, उसकी शिकायत सुनने तक को कोई तैयार नहीं है।
सपा सरकार के दौरान भाजपा ने जमीनों पर अवैध कब्जे करने का मुद्दा उठाया था। भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने दबंगों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने के उद्देश्य से एंटी भू-माफिया टीम बनाई और पोर्टल भी बनवाया लेकिन, भाजपा सरकार में ही दिनदहाड़े प्लॉट पर कब्जा कर लिया गया है। पुलिस ने अपने बचाव के लिए अवैध कब्जा करने वाले से किरायानामा को लेकर खालिद परवेज के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दायर करा दिया है, इस परिवाद के सहारे पुलिस कह देती है कि न्यायालय में प्रकरण है, इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर सकती, जबकि न्यायालय से कोई आदेश पारित नहीं हुआ है।
उक्त प्रकरण में सूत्रों का कहना है कि प्लॉट पर राजनेताओं और पुलिस के बीच हुए भ्रष्टाचार के भयानक गठजोड़ के कारण कब्जा हुआ है। अवैध कब्जा करने वाले ने नेता और पुलिस को मोटी रकम दी है, इसीलिए पीड़ित की शिकायत तक सुनने को कोई तैयार नहीं है। अब उक्त प्रकरण में एडीजी और भाजपा के बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद ही कुछ हो सकता है वरना, प्लॉट से अवैध कब्जा हटने की पीड़ित की आस लगातार धुंधली होती जा रही है।
यह भी बता दें कि अमरोहा (ज्योतिबाफुलेनगर) जिले की डिडौली कोतवाली क्षेत्र में हाईवे पर स्थित लैंडमार्क पैरामेडिकल कॉलेज के प्रबंध तंत्र ने फर्जी बेवसाईट बना कर जीएनएम और एएनएम का कोर्स कराने के बहाने 80 हजार रुपया प्रति छात्र व छात्रा से लेकर एडमिशन कर लिए। फर्जी एग्जाम भी करा दिया। छात्र-छात्राओं को बाद में पता चला कि लैंडमार्क पैरामेडिकल कॉलेज के पास जीएनएम और एएनएम का कोर्स कराने की मान्यता ही नहीं है। पीड़ित छात्र-छात्राओं की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने प्रबंधक खालिद परवेज और निदेशक अय्यूब खान के विरुद्ध धारा- 420, 467, 468, 471 और 406 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी है लेकिन, धोखाधड़ी करने वाले खालिद परवेज और सपा नेता के विरुद्ध बदायूं जिले की पुलिस एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)