बदायूं शहर का कोतवाली क्षेत्र हर चुनाव में अति संवेदनशील रहता है। कोतवाली पुलिस के साथ बड़े अफसर भी रात-दिन चिंतित रहते हैं कि किसी तरह चुनाव शांति पूर्ण निपट जाये, लेकिन इस बार पुलिस नहीं, बल्कि गुंडे और बवाली दबाव में रहे। सदर कोतवाली क्षेत्र में गुंडे मतदाताओं को धमका नहीं पाये, इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ इन्स्पेक्टर अजय कुमार यादव को जाता है। अजय कुमार यादव ने गुंडों और बवालियों में इस हद तक दहशत बैठा दी थी कि एक भी गुंडा एक भी मतदाता को धमका नहीं पाया, जिससे अधिकांश गुंडे चुनाव हार गये। बौखलाये गुंडों ने हार के बाद तांडव शुरू किया, तो कोतवाल ने तत्काल मुकदमा दर्ज करा दिया, जिससे गुंडे भूमिगत हो गये, लेकिन पुलिस पर दबाव बनाने के लिए महिलाओं को आगे कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हकीमगंज से सभाषद पद के लिए दबंग हारुन की भाभी रफत फारूक सभाषद पद का चुनाव लड़ रही थी, इसी वार्ड से मोहम्मद असलम की पत्नी इशरत जहाँ ने भी नामांकन करा दिया, तो दबंग हारून असलम से नामांकन वापस कराने का दबाव बनाने लगा, पर असलम ने नामांकन वापस नहीं कराया। दोनों ही चुनाव हार गये, इस पर दबंग हारुन के समर्थक चार दिन पहले असलम के समर्थकों को खुलेआम बीच सड़क पर धमकाने लगे, जिससे काफी देर तक अफरा-तफरा का माहौल बना रहा।
उक्त प्रकरण में तेजतर्रार कोतवाल अजय कुमार यादव ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर जाँच के बाद मुकदमा दर्ज करा दिया। अजय कुमार यादव ने चुनाव से पूर्व दबंग हारुन पर गुंडा एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की थी। मुकदमा दर्ज होते ही हारुन और उसके साथी भूमिगत हो गये, लेकिन महिलाओं को आगे कर दिया। तमाम महिलायें आज एसएसपी कार्यालय पर पहुँचीं, जो गुंडों पर हुई कार्रवाई वापस कराने की मांग कर रही थीं।
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