बदायूं जिले में महिलाओं की हालत ऐसी है, जैसे तालिबानी शासन में है, यहाँ महिलाओं का यौन उत्पीड़न ऐसे किया जा रहा है, जैसे यहाँ कानून व्यवस्था नाम का कुछ है ही नहीं। जब, जहाँ, जिसके मन में आता है, वह महिलाओं और बच्चियों को उठा लेता है। यौन उत्पीड़न की वारदातों के बढ़ने के कारण महिलाओं में डर बढ़ता जा रहा है।
ताजा वारदातें कादरचौक थाना क्षेत्र की है। एक दस वर्षीय बच्ची डेयरी पर जा रही थी, तभी रंगीला नाम के दरिंदे ने उसे उठा लिया और बाग में ले जाकर उसका बेरहमी से यौन उत्पीड़न किया। बच्ची इतनी भोली सी है कि उसे पता ही नहीं कि उसके साथ क्या हुआ है। हालत देख कर परिजन जान गये और गवाहों के द्वारा घटना का खुलासा हो गया। तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने पीड़ित बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया, जहाँ उसका आज परीक्षण हुआ।
यौन उत्पीड़न की दूसरी वारदात में एक महिला का आरोप है कि वह गाँव के ही झोलाछाप डॉक्टर के पास दवा लेने गई थी। इंजेक्शन लगाने के बहाने डॉक्टर उसे अंदर ले गया और फिर उसने महिला को दबोच लिया। झोलाछाप डॉक्टर ने महिला को यौन उत्पीड़न के बाद ही मुक्त किया।
इसी तरह मूसाझाग थाना क्षेत्र से एक हिस्ट्रीशीटर घर से विवाहिता को उठा ले गया। हिस्ट्रीशीटर ने कई दिन बाद विवाहिता को मुक्त किया, लेकिन पुलिस हिस्ट्रीशीटर का कुछ नहीं कर पा रही है, इसी तरह की अन्य तमाम घटनायें सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस उत्पीड़न करने वालों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है।
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