बदायूं जिले में कई सारे सिपाही ऐसे हैं, जो विभाग पर पूरी तरह हावी नजर आ रहे हैं। हाल-फिलहाल ऐसे ही एक सिपाही का कारनामा सामने आया है, यह सिपाही इतना शक्तिशाली है कि भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने पर भी इसका तबादला तक नहीं किया गया और आज तक वहीं तैनात है। एसओ ने गो-तस्करों के प्रति सहानुभूति बरतने पर हल्का बदल दिया तो, एसओ को भी हटने को मजबूर कर दिया और स्वयं मनचाहे हल्के पर ही मौज मार रहा है, यह सिपाही असामाजिक तत्वों का हीरो बताया जाता है।
सनसनीखेज प्रकरण कादरचौक थाना क्षेत्र का है, यहाँ मुकेश मिश्रा नाम का सिपाही कई वर्षों से तैनात है। सिपाही मुकेश मिश्रा शुरू से ही हल्का नंबर- 3 पर रहा है, इस क्षेत्र के कई गाँव गो-तस्करी के लिए कुख्यात हैं, इन तस्करों से सिपाही मुकेश मिश्रा के गहरे रिश्ते बताये जाते हैं। कोई थाना प्रभारी सिपाही मुकेश मिश्रा का हल्का बदलना चाहता है तो, सिपाही मुकेश मिश्रा अफसरों और नेताओं से दबाव डलवा कर पुनः हल्का नंबर- 3 पर ही आ जाता है।
पिछले दिनों कादरचौक में ललित भाटी थाना प्रभारी थे, उन्होंने सिपाही मुकेश मिश्रा से स्पष्ट कहा कि गो-तस्करी करने वालों को तत्काल गिरफ्तार करें। एसओ ललित भाटी के निर्देशों पर सिपाही मुकेश मिश्रा ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया तो, एसओ ललित भाटी ने सिपाही मुकेश मिश्रा को हल्का नंबर- 3 से हटा कर हल्का नंबर- 1 में कर दिया, इसके बाद सिपाही मुकेश मिश्रा की एसओ ललित भाटी से फोन पर बात हुई, जिसमें एसओ ललित भाटी सिपाही मुकेश मिश्रा गो-तस्करों को गिरफ्तार करने की बात कह रहे हैं, यह भी आश्वासन दे रहे हैं कि गिरफ्तार कर लोगे तो, वे पुनः उसी हल्के पर तैनात कर देंगे वरना, तबादला करा देंगे, इस ऑडियो में कई आपत्तिजनक बातें भी हैं।
ऑडियो में एसओ ललित भाटी ने कहा है कि कोई प्रार्थना पत्र देने आये तो, ढाई सौ तुम रख लो, ढाई सौ मुझे दे दो, यहाँ बात हल्की है। यह भी कहा है कि सपा-बसपा सरकारों में उन्हें जूते पड़े हैं, वे कट्टर भाजपाई हैं, साथ ही यह भी कहा है कि महेश चंद्र गुप्ता ने सपा-बसपा सरकारों में जूते खाये हैं, इसलिए वे राज्यमंत्री हैं। पूरी ऑडियो में सिपाही मुकेश मिश्रा गो-तस्करों को गिरफ्तार करने को तैयार नहीं दिख रहा है, साथ ही कह रहा है कि उसकी रिपोर्ट मत भेजना, उल्टा-सीधा तबादला हो जायेगा, वे उसे बता दें तो, वह मनचाही जगह तबादला करा लेगा। एसओ ललित भाटी जब सिपाही मुकेश मिश्रा के दबाव में नहीं आये तो, उसने परिचित नेताओं से फोन कराया, फिर भी एसओ ललित भाटी नहीं माने, इसके बाद सिपाही मुकेश मिश्रा ने ऑडियो वायरल कर दिया। ऑडियो में शुरुआत और अंत की वार्ता नहीं है। शायद, ऑडियो काट कर वायरल की गई है।
एक सिपाही के हल्के को लेकर ललित भाटी पर दबाव बनाया जाने लगा तो, सूत्रों का कहना है कि उन्होंने थाना प्रभारी के दायित्व से हटाने का आग्रह कर लिया, इसके बाद एसओ ललित भाटी की कुर्सी चली गई, उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया, इससे पहले वे छुट्टी गये थे, उसी दौरान सिपाही मुकेश मिश्रा ने अफसरों और नेताओं से दबाव बनवा कर हल्का नंबर- 3 में ही अपना तबादला करा लिया। हाल-फिलहाल सिपाही मुकेश मिश्रा हल्का नंबर- 3 में ही मस्ती कर रहा है। पूरे प्रकरण में ध्यान दें तो, एक सिपाही एसओ पर भारी पड़ गया और उसका कुछ नहीं हुआ, जबकि उसने ऑडियो वायरल करने की अनुशासनहीनता भी की है।
इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि सिपाही मुकेश मिश्रा पर वर्ष- 2018 में कादरचौक थाने में ही गाँव देवीनगला के एक पीड़ित व्यक्ति ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुकदमा अपराध संख्या- 310 दर्ज कराया था, इस मुकदमे के बाद भी सिपाही मुकेश मिश्रा का तबादला नहीं किया गया। हालांकि बाद में मुकदमा में फाइनल रिपोर्ट लग गई थी, फिर भी इतना गंभीर आरोप लगने और मुकदमा दर्ज होने के बाद कोई तो कार्रवाई होना चाहिए थी, इस सबसे स्पष्ट है कि सिपाही मुकेश शर्मा विभाग पर पूरी तरह हावी है और जब तक ऐसे सिपाही विभाग में हैं तब तक पुलिस की छवि सुधार पाना नामुमकिन ही कहा जायेगा।
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