बदायूं जिले में पुलिस की भूमिका भी कई जगह नकारात्मक नजर आ रही है। पुलिस पर खुलेआम आरोप लग रहे हैं। पीड़ित की जगह पुलिस दबंग आरोपियों के साथ खड़ी नजर आ रही है। एक सब-इंस्पेक्टर पर जघन्य आरोप लगा है। आरोप है कि अपहरण के आरोपियों को पहले दोष मुक्त कर दिया, फिर समझौता कराने का दबाव बनाया और अब आईपीसी 307 का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया।
घटना इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव मोहसनपुर की है, यहाँ ब्राह्मण जाति का एक परिवार रहता है, जो निर्बल होने के कारण डरा-सहमा भी रहता है, इसी परिवार की हाईस्कूल में पढ़ने वाली 15 वर्षीय लड़की का सशस्त्र लोग जुलाई 2017 में सुबह 3: 30 बजे के करीब बुलेरो कार से अपहरण कर ले गये थे, इस घटना का पुलिस ने बमुश्किल मुकदमा दर्ज किया था, क्योंकि आरोपी सत्ता पक्ष से संबंधित थे। पीड़ित ने शीर्ष अफसरों से गुहार लगाई, तब पुलिस ने लड़की बरामद कर के वापस की। डरा-सहमा पिता लड़की को अपनी ससुराल में रखता है, लड़की का जीवन पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।
पुलिस ने उक्त प्रकरण में तीन नामजदों और अज्ञात लोगों की जगह मात्र एक व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की थी, लेकिन पीड़ित ने पुलिस द्वारा दोष मुक्त किये गये लोगों को न्यायालय में तलब करा दिया, उनके सम्मन और वारंट जारी होने लगे, तो पुलिस पीड़ित पर ही उल्टा पुनः दबाव बनाने लगी। पीड़ित का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर देशराज सिंह आरोपियों से मिले हुए हैं, वे लगातार फैसला करने का दबाव बना रहे थे। गुरुवार को एक आरोपी ने देशराज सिंह से मिल कर झूठी घटना बना ली। अपहरण के मुकदमा में फैसला कराने के उद्देश्य से उसके विरुद्ध फर्जी 307 आईपीसी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। हाथ में खरोंच मार कर फर्जी मुकदमा लिखाया गया है। पीड़ित ने डीआईजी/एसएसपी चंद्रप्रकाश से सब-इंस्पेक्टर देशराज सिंह के साथ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
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