बदायूं जिले की पुलिस जीडी में जो मन में आता है, वही दर्ज कर लेती है। मनमानी का आलम यह है कि एक ओर एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया, वहीं दूसरी ओर दबंगों का सताया अनुसूचित वर्ग का युवक मुकदमा दर्ज कराने को भटक रहा है। मनमानी की जानकारी अफसरों के संज्ञान में भी है पर, अधीनस्थों पर अफसर शिकंजा कसने को तैयार नहीं हैं।
एससी/एसटी के अंतर्गत फर्जी मुकदमा दर्ज करने का प्रकरण दातागंज कोतवाली का है, यहाँ जाम के दौरान ट्रैक्टर चालक और सब-इंस्पेक्टर के बीच विवाद हो गया था। चूंकि जीडी सब-इंस्पेक्टर की निजी संपत्ति है, सो ठाकुर जाति के ट्रैक्टर चालक पर एससी/एसटी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया, जबकि सभी जानते हैं कि सब-इंस्पेक्टर के विरुद्ध जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का साहस सामान्यतः नहीं हो सकता, साथ ही राह चलते व्यक्ति को सब-इंस्पेक्टर की जाति का पता भी नहीं हो सकता, यह सब जानते हुए अफसर भी मौन धारण किये हुए नजर आ रहे हैं।
दूसरी ओर फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गाँव गनगोली में वीरपाल की बेटी की बारात आई थी, जिसमें गाँव के दबंग घुस गये। दबंग जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे थे, जिसका देवेन्द्र नाम के युवक ने विरोध किया तो, दबंगों ने उसे बेरहमी से पीट कर घायल कर दिया। पीड़ित मुकदमा दर्ज कराने थाने गया तो, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की जगह पीड़ित को ही बहला कर लौटा दिया, जबकि दबंग आतंक मचाये हुए हैं।
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