बदायूं जिले में पत्रकार भी सुरखित नहीं हैं। अब पत्रकारों को खुलेआम धमकियां दी जाने लगी हैं। दबंगों और माफियाओं से धमकियां मिलने पर पत्रकार पुलिस की शरण में जा सकते हैं लेकिन, यहाँ पुलिस ही पत्रकारों की पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है, साथ ही विवादित पुलिस वाले ही अब पत्रकारों को धमकाने लगे हैं।
ताजा प्रकरण थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र का है। आसफपुर निवासी सुधाकर शर्मा फौजी रहे हैं और एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता हैं। आसफपुर पुलिस चौकी पर एक विवादित सिपाही को पुनः तैनात कर दिया गया। सिपाही प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी के साथ अन्य तमाम आपराधिक वारदातों में संलिप्त होने को लेकर कुख्यात है। विवादित होने के कारण सिपाही का एक बार फिर तबादला हो गया, जिसकी सुधाकर शर्मा ने खबर प्रकाशित की।
खबर से कुख्यात सिपाही बौखला गया। बेखौफ सिपाही ने सुधाकर शर्मा के मोबाइल पर फोन किया और व्यंग्य करते हुए उन्हें धमकाने लगा। कुख्यात सिपाही पहले खबर के बारे में पूछने लगा, इस पर सुधाकर शर्मा ने कहा कि वे जिला कार्यालय में बात करें, इसके बाद वह धमकाते हुए कहने लगा कि वह जाँच कराने के बाद देखेगा।
बेखौफ सिपाही द्वारा पत्रकार को इस तरह धमकाने की घटना से हर कोई स्तब्ध है। पत्रकारों का भी कहना है कि जब पुलिस ही ऐसे कर रही है तो, दबंग और माफिया तो कुछ भी कर सकते हैं। सुधाकर शर्मा ने लिखित में कुख्यात सिपाही की अभी तक शिकायत नहीं की है लेकिन, धमकी वाला ऑडियो वायरल हो गया है। पत्रकारों के उत्पीड़न की वारदात को एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी भी गंभीरता से नहीं लेते हैं, जिससे पत्रकारों के विरुद्ध दबंगों, माफियों और विवादित पुलिस कर्मियों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
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