बदायूं जिले की फैजगंज बेहटा थाना पुलिस को नियम-कानून की तो बात छोड़िये, तेजतर्रार और ईमानदार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा का भी डर नहीं है। जिले भर की पुलिस को पता है कि संकल्प शर्मा के संज्ञान में लापरवाही, मनमानी और भ्रष्टाचार का प्रकरण आता है तो, वे त्वरित कड़ी कार्रवाई करते हैं, ऐसे वातावरण में नौकरी दांव पर लगा देने वाली फैजगंज बेहटा थाना पुलिस के दुस्साहस की प्रशंसा करना पड़ेगी।
सनसनीखेज प्रकरण मंगलवार का है। थाना पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि क्षेत्र में बड़ी तादात में अवैध शराब की डिलीवरी होने वाली है। जखौरा मार्ग पर पुलिस तैनात हो गई। अवैध शराब से भरी हुई इनोवा गाड़ी आ गई, इनोवा कार के साथ अवैध शराब का धंधा करने वाले ऑल्टो कार में सवार थे। पुलिस को देखते ही इनोवा का चालक इनोवा को दौड़ा ले गया, जिसे पुलिस पीछा कर के भी नहीं पकड़ पाई लेकिन, ऑल्टो सवार नहीं भाग पाये। पुलिस ने ऑल्टो कार कब्जे में ले ली, साथ ही उसमें सवार मुरादाबाद जिले के मोनू तोमर और संभल जिले के राकेश को हिरासत में ले लिया।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने थाने लाकर मोनू और राकेश की बेरहमी से मार लगाई। पुलिस ने दोनों को रात भर बेरहमी से पीटा लेकिन, मंगलवार को मोनू और राकेश का धारा- 151 के अंतर्गत चालान कर दिया। चालान करने के बाद पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया, जिसमें राकेश के मुंह पर माक्स लगा है और मोनू का मुंह धुंधला कर दिया ताकि, प्रकरण पर किसी का ध्यान न जाये पर, पुलिस यह भूल ही गई कि ऑल्टो कार संख्या- यूपी 21 बीके 5563 भी बरामद हुई है, जिसे सीज किया गया है और वह अभी भी थाना परिसर में ही खड़ी है।
मोनू और राकेश से बरामद की गई कार को सीज क्यों किया और उसमें पकड़े गये मोनू और राकेश का धारा- 151 के अंतर्गत चालान क्यों किया?, इस सवाल का जवाब थाना प्रभारी अजय सिंह चाहर से लेने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने बताया कि ऐसे ध्यान नहीं है, मामला देखना पड़ेगा तब जवाब दे पायेंगे, कल पूछ लेना मतलब, बुधवार को पुलिस ने जिन दो लोगों पर कार्रवाई की थी, उस बारे में थाना प्रभारी अजय सिंह चाहर को गुरुवार को कुछ भी पता नहीं है।
खैर, सूत्रों का कहना है कि थाना फैजगंज बेहटा में संभल और बरेली जिले के दागी सिपाही तैनात हैं, जो वहां की एसओजी में तैनाती के दौरान बदनाम रहे हैं, उन पर संबंधित जिलों में कड़ी कार्रवाई भी हुई है, इन सिपाहियों के मुंह से खून लगा हुआ है, इन दागी सिपाहियों ने ही थाना प्रभारी को विश्वास में लेकर मोनू और राकेश को बेरहमी से पीट कर दहशत में लिया, फिर अवैध शराब से भरी इनोवा गाड़ी को मंगवा कर जघन्य धाराओं के अंतर्गत जेल भेजने को कहा, इस सबसे बचाने को पुलिस द्वारा मोटी रकम मांगी गई।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से बेदम हो चुके मोनू और राकेश टूट गये और जघन्य धाराओं के मुकदमा से बचने को मोटी रिश्वत देने को तैयार हो गये, बदले में उन्होंने दोनों लोगों को छोड़ने की और अवैध शराब से भरी इनोवा न देने की शर्त रखी, जिसे भ्रष्ट पुलिस ने तत्काल स्वीकार कर लिया। रिश्वत को लेकर भी सूत्र का कहना है कि तीन-चार अंकों में ली गई है लेकिन, रिश्वत लेने का साक्ष्य सामने नहीं है, सो कितनी रिश्वत ली गई है, उसको लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकता पर, पिटाई से घायल हुए मोनू और राकेश के फोटो सब कुछ स्वयं ही बता रहे हैं एवं थाने में सीज खड़ी ऑल्टो कार स्वयं ही गवाही देने को तत्पर पर है। माना जा रहा है कि तेजतर्रार और ईमानदार एसएसपी संकल्प शर्मा दोषी सिपाहियों और थाना प्रभारी को छोड़ेंगे नहीं।
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