बदायूं जिले में यौन उत्पीड़न की वारदातों में गिरावट नहीं आ पा रही है। अवैध वसूली के मामलों के अलावा पुलिस अन्य किसी प्रकरण में खास रूचि लेती नजर नहीं आ रही है। भाजपा सरकार ने पुलिस को जिस प्रकार स्वतंत्रता प्रदान की है, उसके अनुसार बदलाव नहीं दिख रहा है। पिछले 36 घटों में चार लड़कियाँ यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं, जिनमें से एक ने किसी तरह भाग कर अपनी इज्जत बचा ली। पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
दातागंज कोतवाली क्षेत्र के एक गाँव की दो सहेलियाँ समरेर स्थित बाजार से खरीददारी कर लौट रही थीं, तभी दोनों को बहशी लड़कों ने घेर लिया। एक लड़की को बहशी नहीं दबोच पाये, वह दौड़ती हुई गाँव की ओर भाग गई, उसने गाँव जाकर बताया, लोग इकट्ठा होकर घटना स्थल की ओर भागे तब तक, बहशी दूसरी लड़की का सामूहिक यौन उत्पीड़न कर चुके थे। तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन, पुलिस आरोपियों को अभी तक नहीं पकड़ पाई है।
यौन उत्पीड़न की दूसरी जघन्य वारदात मूसाझाग थाना क्षेत्र की है, यहाँ रिश्ते की बुआ-भतीजी कक्षा- नौ और दस की छात्रा हैं, यह दोनों शुक्रवार शाम को शौच कर घर लौट रही थीं तभी, दोनों को कई लोगों ने दबोच लिया और गन्ने की फसल के बीच ले जाकर सामूहिक यौन उत्पीड़न कर दिया। लड़कियों की चीखें सुन कर ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे तो, दबंग आरोपियों ने परिजनों को पीट पर अपने घर में बंद कर लिया, जिन्हें यूपी- 100 ने आकर मुक्त कराया। थाना पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस ने यौन उत्पीड़न की वारदात में दोनों पक्षों के कई लोगों का धारा- 151 के अंतर्गत चालान कर दिया है, साथ ही पुलिस फैसला कराने के प्रयास में जुटी है।
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