बदायूं में यमदूतों का दायित्व डॉक्टर ही निभा रहे हैं। डॉक्टर बेकसूरों की जान आये दिन लेते रहते हैं। पित्त की थैली निकलवाने को भर्ती हुई महिला को नशे की ओवर डोज देकर मार दिया। आक्रोशित परिजनों के हंगामा करने के बाद पुलिस आ गई। कार्रवाई करने के आश्वासन पर परिजनों ने हंगामा बंद किया।
घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र में स्थित डॉ. बीआर गुप्ता के रामा अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर की है। डीएम रोड पर रहने वाली पूजा पत्नी वीरेन्द्र उपाध्याय की पित्त की थैली में पथरी थी। पति वीरेंद्र उपाध्याय ने रामा अस्पताल में पूजा को भर्ती करवाया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान पूजा को नशे का इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद पूजा की हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल के कर्मचारी आनन-फानन में पूजा को बरेली की ओर लेकर दौड़ पड़े लेकिन, पूजा ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप है कि पूजा को नशे की ओवर डोज दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई। आक्रोशित परिजन अस्पताल के गेट पर शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। सूचना पर थानाध्यक्ष और सीओ सिटी मौके पर पहुंच गए। सीओ सिटी ने कहा कि इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है। परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
यह भी बता दें कि स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करता। कस्बा वजीरगंज में अकरम खान नाम का झोलाछाप खुलेआम खान क्लीनिक चला रहा है, यहाँ पिछले दिनों एक जच्चा की मौत हो गई थी, इसके बावजूद सीएमओ ने पूरा मामला ही दबा दिया, ऐसे में बड़े अस्पताल चलाने वाले मगरमच्छों के विरुद्ध कार्रवाई होने का सवाल ही नहीं उठता।
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