अनुमति लिए बिना दिनदहाड़े काट डाला गया नीम का स्वस्थ पेड़

अनुमति लिए बिना दिनदहाड़े काट डाला गया नीम का स्वस्थ पेड़

बदायूं जिले में नियम-कानून का महत्व ही समाप्त होता जा रहा है। न खाता, न बही, जो ताकतवर लोग कहें, वही सही, वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। दिनदहाड़े प्राचीन नीम का पेड़ काट दिया गया। दो सौ मीटर दूर डीएफओ का कार्यालय है पर, कोई देखने तक नहीं आया।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पुलिस लाइन चौराहे पर प्राचीन नीम का पेड़ है। पेड़ पूरी तरह स्वस्थ था, इसके बावजूद दिनदहाड़े काट दिया गया। नीम के पेड़ को भारत सरकार प्रतिबंधित श्रेणी में सूचीबद्ध कर चुकी है। नीम के पेड़ को अपरिहार्य परिस्थितियों में ही काटा जा सकता है और उसके लिए भी डीएफओ से विधिवत अनुमति लेनी होगी लेकिन, सूत्रों का कहना है कि नीम का पेड़ काटने के लिए अनुमति नहीं ली गई है।

इसके अलावा सरकारी संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने से पहले उसका मूल्यांकन कराना होता है, जिसके बाद उसकी विधिवत विज्ञप्ति जारी की जाती है। नियमानुसार संपूर्ण प्रक्रिया होने के बाद ही पेड़ काटा जा सकता था लेकिन, ऐसा कुछ नहीं किया गया, इस सबका जिम्मेदार कौन है और किसके विरुद्ध कार्रवाई होना चाहिए, साथ ही कार्रवाई कौन करेगा, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। बता दें कि पुलिस लाइन चौराहे का सौन्दर्यकारण होगा, इसी क्रम में प्राचीन पेड़ काटा गया है, जबकि चौराहे का सौन्दर्य नीम के पेड़ से ही था।

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