बदायूं जिले की पुलिस आपराधिक वारदातें रोकने में नाकाम साबित हो रही है। पुलिस अपनों को भी नहीं बचा पा रही है। पुलिस के दलित वर्ग के मुखबिर को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया। सनसनीखेज वारदात के चलते क्षेत्र में दहशत का माहौल नजर आ रहा है।
थाना बिनावर क्षेत्र के ग्राम रहमा निवासी दलित वर्ग का वीरपाल (30) पुत्र नत्थू सोमवार को रोज की तरह गांव के नजदीक जंगल में पशु चराने गया था। दोपहर के समय कुछ सशस्त्र लोग आये और वीरपाल को गोलियों से भूनकर चले गये, वीरपाल की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही एसओ अजय यादव मौके पर पहुंच गये, उन्होंने शव का पंचनामा भरवा कर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भिजवा दिया।
मृतक के भाई पप्पू का कहना है कि वीरपाल पुलिस की मुखबिरी करता था, जिसके चलते उसकी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से रंजिश थी। उसका कहना है कि तीन-चार दिन पहले गांव में गोकशी होने की सूचना दी थी, पुलिस ने मांस बरामद कर लिया था, कई लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था, जिससे गोकशी करने वाले उससे रंजिश मानने लगे, उन्हीं लोगों ने वीरपाल की हत्या की है। मृतक वीरपाल के भाई पप्पू की तहरीर पर गांव के ही नवासे अली, हैदर अली और इश्क नबी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर अजय यादव हत्यारोपियों को पकड़ने में जुटे हुए हैं।
उधर बताया जाता है कि मृतक दिन भर सदर कोतवाली में रहता था, यहाँ अक्सर दूध लेकर आता था और दूध के पैसे भी नहीं लेता था, जिससे मुफ्त में कोतवाली दूध पहुँचाने को लेकर तरह-तरह की चर्चायें की जा रही हैं। सदर कोतवाली में पुलिस के बीच रहने के कारण मृतक हेकड़ हो गया था, जिसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी। वीरपाल की हत्या की जाँच सदर कोतवाली से शुरू की गई तो, पुलिस वाले भी लपेटे में आ सकते हैं।
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