बदायूं जिले की पुलिस पूरी तरह विफल सी नजर आ रही है। एक और नाबालिग लड़की सामूहिक यौन उत्पीड़न की शिकार हो गई है। लड़की की हालत मानसिक तौर पर खराब दिख रही है, वह सिर्फ चीख-चीख कर रो रही है, उसकी हालत लोग देख नहीं पा रहे हैं। बच्ची को काउंसलर की आवश्यकता है, वह पुलिस के सवालों से अवसाद ग्रस्त हो सकती है।
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हृदय विदारक घटना बिल्सी थाना क्षेत्र की है। बताते हैं कि एक गाँव की निवासी लगभग 13 वर्षीय बच्ची चारा लेने गई थी तभी, उसे दो लड़कों ने दबोच लिया और नलकूप की खंडहर पड़ी कोठरी में ले जाकर उसका यौन उत्पीड़न किया। मुक्त होने के बाद बच्ची ने परिजनों को घटना के बारे में बताया और फिर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मामला दर्ज कर बच्ची को कड़ी सुरक्षा के बीच मेडिकल परीक्षण के लिए महिला अस्पताल ले आई है।
अपराधियों में कानून का डर पैदा करने में विफल पुलिस बच्ची को मीडिया कर्मियों से बात नहीं करने दे रही है। बच्ची इतनी ज्यादा सहमी हुई है कि वह सिर्फ रो रही है, उसका विलख कर रोना देखा नहीं जा रहा है। बच्ची दलित वर्ग की है एवं आरोपी भी दलित वर्ग के ही हैं, साथ ही एक आरोपी भी नाबालिग बताया जा रहा है। पुलिस ने अभी तक आरोपियों को पकड़ने का प्रयास भी नहीं किया है।
यह भी बता दें कि मंगलवार को मूसाझाग थाना क्षेत्र में एक मुकदमा अपराध संख्या- 180/18 धारा- 376डी, 323, 504, 506 आईपीसी व 5/6 पॉस्को अधिनियम के अंतर्गत दर्ज कर लिया था। पुलिस ने तीन नामजद अभियुक्तों में से एक मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन, अगले ही दिन एसएसपी अशोक कुमार ने पीड़िता को प्रेमिका बता दिया था, जिसके चलते परिजनों ने लड़की की पिटाई की और फिर लड़की ने आत्महत्या कर ली, उसकी चिता की आग ठंडी होने से पहले एक और वारदात घटित हो गई है।
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