बदायूं में पुलिस लाइन के सामने स्थित नाले की दीवार कितनी बार धराशाई हो चुकी है, इसकी सही जानकारी शायद ही किसी के पास होगी। कुछ महीनों बाद दीवार धराशाई हो जाती है, जिसमें गिर कर कई लोग गंभीर रूप से घायल होते रहते हैं एवं लाखों रूपये की बर्बादी भी हो चुकी है, इसके बावजूद समस्या के स्थाई निराकरण को लेकर कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
कुछ देर पहले गुजरात से टाइल्स लेकर आया ट्रक पुलिस लाइन के सामने से गुजर रहा था तभी, नाले की दीवार ढह गई। ट्रक चालक कुछ समझ पाता, उससे पहले ट्रक नाले के अंदर गिर गया। ट्रक की गति धीमी थी एवं रात होने के कारण ट्रैफिक भी कम था वरना, जनहानि भी हो सकती थी। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक उदासीनता के चलते नाले का स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है। एक बार फिर टेंडर निकलेगा, फिर दीवार बनाई जायेगी और घटिया सामिग्री के चलते कुछ ही महीनों बाद पुनः ढह जायेगी।
शहर के हालात बेहद खराब हैं। गंदगी के पीछे तर्क दिया जाता है कि पर्याप्त साधन नहीं हैं लेकिन, पालिका के कर्मचारी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और जेसीबी निजी कार्यों में जुटे रहते हैं। पिछले कई दिनों से एक बड़े व्यापारी के प्लाट से पालिका का ट्रैक्टर-ट्रॉली और कर्मचारी मिटटी ढोते देखे जा रहे हैं, इसी तरह पिछले दिनों नबादा पर जेसीबी एक ताकतवर इंसान की जमीन पर चलती देखी गई पर, न कोई सुनने वाला है और न ही कोई देखने वाला है।
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