बदायूं जिले में वर्ष- 2018 में कई घटनायें ऐसी भी घटित हुई हैं, जो पुलिस के माथे पर कलंक की तरह दूर से ही देखी जा सकती हैं। पुलिस ने अपने माथे पर लगे कलंक को मिटाने का प्रयास भी किया लेकिन, चाह कर पुलिस कुछ नहीं कर पाई। कई सारी असफलताओं के साथ पुलिस नये वर्ष में प्रवेश करने जा रही है, जिनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होगा।
बदायूं जिले की पुलिस के माथे पर लगा सबसे बड़ा कलंक फरार अपराधी सुमित ही है। गोरखपुर जिले में स्थित चिलुआताल क्षेत्र के गाँव कुसहरा का मूल निवासी देवकी नंदन उर्फ चंदन सिंह और मुरादाबाद जिले के कस्बा बिलारी निवासी सुमित जेल में बंद थे, दोनों ने जेल से फरार होने की योजना बना डाली थी। 12 मई 2018 को जेल की पिछली दीवार से दोनों भागने का प्रयास कर रहे थे। सुमित भाग गया लेकिन, चंदन फंस गया था। चंदन के पास से पिस्टल भी बरामद हुई थी। जेल की दीवार से सुमित सिविल लाइन थाने के परिसर में कूद कर भाग गया था, जिसे पुलिस आज तक नहीं खोज पाई है।
पुलिस के माथे पर मूसाझाग थाना क्षेत्र की घटना भी कलंक की तरह ही है। 21 अगस्त 2018 को एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बहन को स्कूल में ले जाकर तीन लोगों ने बेरहमी से यौन उत्पीड़न किया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या- 180/18 धारा- 376डी, 323, 504, 506 आईपीसी व 5/6 पॉस्को अधिनियम के अंतर्गत दर्ज कर लिया था और पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया था। पुलिस ने तीन नामजद अभियुक्तों में से एक मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने खुलासा कर दिया था मेडिकल परीक्षण में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, साथ ही बताया था कि लड़की गिरफ्तार किये गये लड़के से देर रात तक फोन पर बात करती थी, पिछले महीने में दोनों के बीच 122 बार बात हुई, पुलिस प्रेम संबंध मान रही थी, साथ ही पुलिस ने लड़की के नाबालिग होने की बात को पूरी तरह दबा दिया था। प्रेम प्रसंग बताने पर पीड़िता परिवार के सामने अपमानित हो गई थी, जिससे उसने 22-23 अगस्त 2018 को आत्म हत्या कर ली, इस प्रकरण में पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी।
इसके अलावा फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र, बिनावर थाना क्षेत्र और उझानी कोतवाली क्षेत्र में कई अज्ञात महिलाओं की हत्या की गई, जिनका खुलासा पुलिस नहीं कर पाई। बिनावर और उझानी पुलिस प्रयास भी कर रही है लेकिन, फैजगंज बेहटा थाना पुलिस ने अज्ञात महिलाओं की लाश मिलने के मुकदमे ही दर्ज नहीं किये, जो गुजरे वर्ष के पुलिस के माथे पर कलंक ही कहे जायेंगे।
साल के अंतिम दिन पुलिस के बड़े अफसरों पर गंभीर आरोप लग गये। होमगार्ड छत्रपाल के हत्यारोपी हरिया की लाश मिली। हरिया के परिजनों ने उघैती के निवर्तमान एसओ ललित भाटी, जरीफनगर के एसओ पंकज लवानिया और सीओ नासिर इरफान खान पर गंभीर आरोप लगाये हैं। एसएसपी अशोक कुमार पर लेखपाल रूपेंद्र शाक्य ने कार्यालय में अभद्रता करने का आरोप लगाया है। रूपेंद्र ने डीएम से शिकायत कर कार्रवाई कराने की गुहार लगाई है।
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