बदायूं की पहचान टीन एजर बदल रहे हैं। अनामिका वार्ष्णेय ने अपने और परिवार के साथ जिले का भी नाम सूरज की तरह चमका दिया। बिना कोचिंग के नीट द्वारा प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर ली बल्कि, अनामिका ने बेहतर रेंक लाकर सरकारी कॉलेज में अपना स्थान भी सुरक्षित कर लिया, जिससे उन्हें बधाई देने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा है।
शहर के व्यापारी नेता नवनीत गुप्ता “शोन्टू” की पुत्री अनामिका वार्ष्णेय का लक्ष्य डॉक्टर बनना था। अनामिका अपने सपने को पूरा करने के लिए जुटी रही। चौंकाने वाली बात यह है कि अनामिका ने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की, जबकि आज के दौर में कोचिंग जाना ग्लैमर का हिस्सा बन गया है।
अनामिका नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (नीट) द्वारा आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा में बैठी, जिसका परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया। अनामिका ने 594 अंक लाकर ऑल इंडिया में 9306 रेंक प्राप्त की है। शुक्रवार को परिणाम की जानकारी मिली तो, अनामिका के साथ पूरा परिवार झूम उठा। अनामिका की सफलता की खबर बाहर निकली तो, मोहल्ले के साथ शहर भर के लोग बधाई देने लगे।
अनामिका पढ़ने में पहले से ही तेज है। बिना कोचिंग के ही इंटर तक की शिक्षा ग्रहण की, उसने 2017 में बायो वर्ग में जिला टॉप कर इरादे जता दिए थे कि वह अभी बहुत कुछ करने वाली है। 2018 में एक वर्ष के लिए कोटा में कोंचिंग की लेकिन, वह वहां से चली आई और घर पर ही अध्ययन करने को वरीयता दी।
अनामिका ने सफलता का का श्रेय माँ दर्शना गुप्ता, पिता नवनीत गुप्ता के साथ पूरे परिवार को दिया है। अनामिका ने कहा कि परिवार के वातावरण और संस्कारों पर चल कर ही उसने लक्ष्य प्राप्त किया है, उसने युवाओं को संदेश दिया कि कभी भी किसी विषय से घबराना नहीं चाहिए, कठिन विषय पर पूर्ण रूप से एकाग्रता के साथ अध्ययन करना चाहिए, फिर उसका डर निकल जाता है। उन्होंने कहा डॉक्टर बन कर वह ऐसे वर्ग की सेवा करना चाहती है, जो अक्षम हैं।
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