बदायूं जिले की नगर निकायों में कुछ गड़बड़ चल रहा है। भाजपा के अधिकांश चेयरमैन त्रस्त हैं, जबकि विपक्ष के चेयरमैन शांति से आनंद लेते नजर आ रहे हैं। बिल्सी के पालिकाध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय ने एक बार फिर त्याग पत्र देने की बात कही है। अनुज वार्ष्णेय त्रस्त होकर पूर्व में भी त्याग दे चुके हैं, जिससे लखनऊ तक हिल गया था। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप से उन्होंने त्याग पत्र वापस ले लिया था।
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सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता नगर विकास राज्यमंत्री भी हैं, उनके गृह जनपद में भाजपा के अधिकांश चेयरमैन त्रस्त नजर आ रहे हैं, जबकि विपक्षी चेयरमैन एक दम मस्त हैं, उनकी न शिकायत होती है और न ही जांच, साथ ही प्रशासन में भी विपक्ष के चेयरमैनों की तूती बोल रही है। विपक्षी चेयरमैन किसी का भी तबादला कभी भी करा ले जाते हैं लेकिन, भाजपा के चेयरमैन अपने यहाँ से क्लर्क तक को नहीं हटवा पा रहे हैं।
बिल्सी के पालिकाध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय ने शनिवार को पत्रकारों से बात की। अनुज वार्ष्णेय ने कहा कि नगर में प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति वे आम जनता के अनुसार नहीं कर पाए तो, वे खुशी से स्वयं त्याग पत्र दे देंगे। उन्होंने कहा कि 15 दिन निरंतर रात-दिन कार्य करेंगे और नगर साफ-स्वच्छ व सुंदर बनायेंगे, इसके बावजूद वे कामयाब नहीं हुए तो, खुशी से त्याग पत्र दे देंगे। बोले कि वे त्याग पत्र देकर अपने व्यवसाय में ही जुट जाना चाहते हैं।
पालिकाध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय ने नगर की समस्याओं को लेकर ही त्याग पत्र देने की बात कही पर, उनके त्याग पत्र देने की बात कहने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। संभवतः वे खुल कर कार्य नहीं कर पा रहे हैं, उन पर राजनैतिक दबाव है शायद, जिससे वे नगर के हित में स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। जो भी हो, अनुज वार्ष्णेय ने अगर, त्याग पत्र दिया तो, इससे भाजपा की फजीहत होना तय है।
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