बदायूं जिले में परंपरा और संस्कृति की बेड़ियों को तोड़ते हुए बेटी ने पिता को श्मशान जाकर मुखाग्नि दी। बेटी के साहसिक कार्य की क्षेत्र में न सिर्फ चर्चा की जा रही है बल्कि, जमकर प्रशंसा भी की जा रही है। दिवंगत पिता ने बेटियों का पालन-पोषण बेटों की तरह ही किया, जिससे दिवंगत की भी प्रशंसा की जा रही है।
अब बेटियां न सिर्फ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी हो गई हैं बल्कि, बेटों से आगे बढ़ कर कार्य करती नजर आ रही हैं, हर क्षेत्र में बेटियां स्वयं को बेहतर सिद्ध करती नजर आ रही हैं, धार्मिक और पारंपरिक सीमाओं को भी बेटियां लांघ रही हैं। ताजा प्रकरण नगर पालिका परिषद दातागंज का है, यहाँ के निवासी लाला हरिद्वारी लाल गुप्ता के बेटे चमन गुप्ता को हृदय आघात के चलते रविवार को उपचार हेतु दिल्ली ले जाया जा रहा था तभी, उन्होंने देह त्याग दी।
दातागंज में चमन गुप्ता का अंत्येष्टि संस्कार किया गया। सैकड़ों लोगों के बीच श्मशान पहुंच कर छोटी बेटी दिशा गुप्ता ने मुखाग्नि दी, इससे पहले उन्होंने समस्त क्रियाओं को धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार बेटों की तरह ही किया। बता दें कि चमन गुप्ता के ऋचा और दिशा नाम की दो बेटियां हैं, उनके पुत्र नहीं है, सो दोनों बेटियां पिता की देख-भाल बेटे की तरह ही करती रही हैं, साथ ही दिवंगत चमन गुप्ता भी बेटियों से बेटों की तरह ही प्रेम करते थे। दिशा जयपुर में रह कर बीडीएस कर रही है।
यह भी बता दें कि चमन गुप्ता भी हरद्वारी लाल गुप्ता के इकलौते पुत्र थे, उनके लगभग 32 वर्ष पूर्व दोनों गुर्दे खराब हो गए थे, उस समय उनकी मां ने अपना एक गुर्दा अपने बेटे चमन को दे दिया था, जिसका डॉक्टर ने प्रत्यार्पण किया था, जिसके बाद उन्हें गुर्दा संबंधी कभी कोई समस्या नहीं हुई लेकिन, इस बार उनका दिल जवाब दे गया।
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