बदायूं नगर पालिका प्रशासन और प्रशासनिक अफसरों द्वारा प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे यह चर्चा आम तौर पर होने लगी है कि लाबेला चौक के व्यापारियों से कोई व्यक्तिगत रंजिश थी क्या? प्रशासन जिला अस्पताल तक नाला कब्जा मुक्त नहीं करा रहा है, इसी तरह सुभाष चौक पर हालात भयावह बने हुए हैं।
नगर पालिका परिषद और प्रशासनिक अफसरों ने लाबेला चौक पर कड़ाई बरतते हुए पिछले दिनों अतिक्रमण हटवाया था, जिसकी सभी ने सराहना की। हालाँकि संबंधित व्यापारियों ने पर्याप्त समय न देने का आरोप भी लगाया था। लाबेला चौक पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होने के बाद लोग कयास लगाने लगे कि अब प्रशासन अन्य सभी अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध भी ऐसी ही कड़ी कार्रवाई करेगा पर, अब प्रशासन कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा है।
लाबेला चौक से लेकर जिला अस्पताल तक नाले पर ही दुकानें बनी हुई हैं, जिन्हें अधिकारी दिन भर स्वयं भी देखते हैं पर, पालिका ने अभी तक किसी को नोटिस तक नहीं दिया है, जबकि बस्ती के बीच में सफाई होने के लिए यहाँ नाले का अतिक्रमण मुक्त होना बेहद आवश्यक है, इसी तरह बीच शहर में सुभाष चौक पर प्रभावशाली लोगों द्वारा नाला कब्जा लिया गया है। सुभाष चौक शहर का महत्वपूर्ण चौक है लेकिन, रास्ते इतने संकरे हो गये हैं कि कार और रिक्शा के साथ एक बाइक भी नहीं निकल सकती, जिससे हर समय जाम रहता है, लोग झल्ला जाते हैं।
सुभाष चौक के आस-पास नाले पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा है, जिससे पालिका और प्रशासनिक अफसर मूकदर्शक बने हुए हैं। चर्चा तो भ्रष्टाचार को को लेकर भी है। लोगों का कहना है कि यहाँ के धनाढ्य व्यापारी जिम्मेदार लोगों को मोटी रकम देते हैं। भ्रष्टाचार की चर्चाओं में दम इसलिए नजर आ रहा है कि अगर, कोई निजी स्वार्थ नहीं है तो, आम नागरिकों को राहत देने के लिए अतिक्रमण क्यों नहीं हटावाया जा रहा है?
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