बदायूं जिले के ऐतिहासिक मेला ककोड़ा का झंडी पूजन डीएम निधि श्रीवास्तव, एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव ने तीन दिन पहले किया था, जिसके बाद मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया था। चूंकि मेला ककोड़ा का आयोजन जिला पंचायत द्वारा किया जाता है, जिससे मेले में राजनैतिक जमावड़ा भी रहता है, इसलिये मेला ककोड़ा कई दशकों से प्रतिष्ठा का भी विषय बना हुआ है, ऐसी धारणा बन गई है कि जो जिले की राजनीति में सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति होता है, वह मेले का उद्घाटन करता है, इस बार भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने मुख्य रूप से फीता काटा, जिससे अब माना जा रहा है कि अब जिले की राजनीति के सुप्रीमो दुर्विजय सिंह शाक्य ही हैं, उनके सामने शासन-प्रशासन और जिले के नेता नतमस्तक हैं।
हालांकि उन्होंने अपनी ओर से सुप्रीमो होने का न अहसास कराया है और न ही उन्होंने खुले तौर पर ऐसा संदेश दिया है। अगर, यह सत्य है तो, आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। तथा-कथित माननीय लोक निर्माण विभाग और जिला पंचायत की मलाई अकेले ही खा रहे थे। हालात इतने दयनीय हो गये थे कि विधायकों को पूरी तरह दरकिनार किया जा रहा था, साथ ही विधायकों में जान-बूझ कर झगड़ा भी कराया जा रहा था, क्योंकि विधायक एक हो जाते तो, वे भारी पड़ सकते थे, इससे संगठन का नुकसान हो रहा था और विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे थे। दुर्विजय सिंह शाक्य संगठन और सरकार, दोनों जगह शक्तिशाली हैं, वे तथा-कथित माननीय की लूट कर अंकुश लगा सकते हैं, साथ ही अंदर खाने चलने वाली खींचतान पर भी रोक लगा सकते हैं, इससे संगठन और सशक्त होगा और एकता का लाभ जिले को ही मिलेगा।
यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव में दुर्विजय सिंह शाक्य भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे, वे स्थानीय स्तर पर बरती गई लापरवाही के चलते चुनाव नहीं जीत पाये पर, वे जिले को छोड़ कर नहीं गये, वे जिले की राजनीति में लगातार सक्रियता बनाये हुये हैं, जिससे आशा व्यक्त की जा रही है कि वे शीघ्र ही फर्जी मठाधीश की दहशत स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के अंदर से निकाल देंगे और कर्मठ कार्यकर्ताओं को दायित्व दिला कर फर्जी मठाधीश की परिक्रमा करने वालों को भी किनारे करेंगे। कुछ बेहतर होने की आशा के चलते जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ता उत्साहित दिखाई दे रहे हैं।
खैर, फिलहाल मेला ककोड़ा की बात करते हैं। उद्घाटन के अवसर पर दुर्विजय सिंह शाक्य के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव, पूर्व सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता, पूर्व राज्यमंत्री एवं विधायक महेश चंद्र गुप्ता, विधायक हरीश शाक्य के साथ अन्य तमाम जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार सिंह उपस्थित रहे।
बुधवार को मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव के साथ मेला ककोड़ा स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने नक्शे से विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा था एवं मेला ककोड़ा को प्लास्टिक मुक्त रखने का निर्देश दिया था। उन्होंने बताया था कि ककोड़ा मेला क्षेत्र में महिलाओं के लिए 20 चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही 30 गोताखोरों की व्यवस्था भी की गई है, जिला पंचायत द्वारा 12 वाॅच टाॅवर लगाए गये हैं, इस सबके बीच पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राकेश सिंह ने पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए थे। दावे जो भी किये जायें, क्योंकि मेला क्षेत्र जुआ और शराब मुक्त रहा तो ही पुलिस-प्रशासन की विशेष उपलब्धि मानी जायेगी।
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