बदायूं के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने मंगलवार को अफसरों के साथ बैठक की, इस बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी ने अफसरों को प्रतिबंधित कीटनाशक डीडीटी पाउडर छिड़कने का न सिर्फ सुझाव दे दिया, बल्कि एक कुख्यात माफिया का नाम भी सुझा दिया। बैठक के तत्काल बाद एडीएम प्रशासन द्वारा नगर निकायों को एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें डीटीटी पाउडर के छिड़काव को लेकर प्रशिक्षण लेने को कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में मलेरिया और मच्छरों को लेकर चर्चा शुरू हुई तो, जिला पंचायत राज अधिकारी ने डीडीटी पाउडर छिड़कने की बात कहते हुए एक कुख्यात माफिया का नाम सुझा दिया, जबकि डीडीटी पाउडर हानिकारक होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है, इस बैठक के बाद अपर जिला अधिकारी (प्रशासन) द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे डीडीटी पाउडर छिड़कने का प्रशिक्षण लेने हेतु सफाई कर्मियों को निर्धारित दिन विकास भवन में भेजें। जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा माफिया का नाम सुझाना और प्रतिबंधित डीडीटी पाउडर के छिड़काव की तैयारी करना चर्चा का विषय बना हुआ है।
डीएम ने नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के रूप में साफ-सफाई एवं छिड़काव कराना सुनिश्चित करें। मच्छरों का प्रकोप रोकने के लिए तालाबों में गंबूसिया मछली छोड़ी जाए। उन्होंने नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों के साथ सफाई व्यवस्था के सम्बंध में बैठक आयोजित की। उन्होंने निर्देश दिए कि शहर का कूड़ा इधर-उधर न डालकर चिन्हित स्थानों पर ही डाला जाए। ईओ इधर-उधर पहले से पड़े कूड़े को या तो उठवाकर चिन्हित स्थानों पर डलवाएं या फिर मिट्टी डालकर भूमि समतल करा दें। शहर में किसी भी प्रकार की गंदगी नज़र नहीं चाहिए। वर्षा ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए नाले-नालियों की साफ-सफाई बरसात से पहले ही करा लें, जिससे नाले-नालियाँ चोक न हों और उनका गंदा पानी सड़कों पर न आने पाए। जिन नाले-नालियों का निर्माण होना है, उनका अभी से निर्माण कार्य कराना सुनिश्चित करें।
डीएम ने बैठक में निर्देश दिए कि 28 विभाग समय से भूमि चिन्हित कर गढ्डा खुदाई कराना सुनिश्चित करें, जिससे पौधारोपण का कार्य समयबद्ध प्रारम्भ हो सके। विभाग अपने-अपने के लक्ष्य के हिसाब से तैयारी कर लें। पौधे लगाने मात्र से काम नहीं चलेगा बल्कि, पौधरोपण के साथ उनकी सुरक्षा, देख-भाल करना भी जरूरी है। डीएफओ ईशा तिवारी ने बताया कि इस वर्ष जिले में कुल 39 लाख नौ हजार आठ सौ तीन पौधे रोपण होना हैं, इसमें विभागवार लक्ष्य तय किया गया है। ग्राम्य विकास 1600500, राजस्व 181500, पंचायती राज 181500, नगर विकास 23300, रेलवे 9500, लोक निर्माण 10700, रेलवे 19500, जल शक्ति 10700, कृषि विभाग 306760, आवास विकास 7000, श्रम 3300, पशुपालन 7300, सहकारिता 7300, रक्षा 7000, उद्योग 8300, ऊर्जा 4800, माध्यिम शिक्षा 3640, उच्च शिक्षा 22200, प्राविधिक शिक्षा 5800, बेसिक शिक्षा 3640, रेशम 20700, औद्योगिक 3600 स्वास्थ्य 9600 पर्यवहन 3300, उद्यान 110400, पर्यावरण 62600, पुलिस विभाग 7000 एवं वन विभाग को 1279163 पौध रोपण करने का विभागवार लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने ईओ को निर्देश दिए कि वह वन विभाग के अधिकारियों के साथ शहर में भ्रमण कर जगहों का चयन कर लें।
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