डीएम का तबादला, कई कोटेदारों को पड़ा अटैक, झूम उठे विधायक

डीएम का तबादला, कई कोटेदारों को पड़ा अटैक, झूम उठे विधायक

बदायूं जिले के कोटेदारों और विधायकों के लिए ऐसी खबर मिली है कि उनकी होली की खुशी दोगुना हो गई है। जो कोटेदार और विधायक होली न मनाने का संकल्प ले चुके थे, वे एक दिन पहले से ही झूम उठे हैं। खुशी के चलते तमाम कोटेदार हृदय आघात का शिकार हो गये हैं, वहीं अचानक आमदनी बढ़ने की आशा में विधायकों ने नोयडा में फ्लैट बुक करा दिए हैं।

जी हाँ, जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने राशन माफियाओं पर कड़ा शिकंजा कस रखा है। राशन वितरण को लेकर तमाम अफसर जुटा रखे हैं, जो अपने सामने राशन वितरण कराते हैं, वे कोटेदार से मिल न जायें, इसके लिए एक और टीम बना रखी है, साथ ही निरंतर छापामार कार्रवाई चल रही है। उपभोक्ताओं के मोबाइल पर खादयान्न उठते ही मैसेज पहुंचने का दावा तो बहुत पहले किया गया था, लेकिन मैसेज अब पहुंचने शुरू हुए हैं, जिससे राशन वितरण प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार हुआ है। जिन माफियाओं का पेट निरंतर बढ़ रहा था, वह न सिर्फ बढ़ना रुक गया है, बल्कि अब कम भी होने लगा है, जिससे माफिया और कोटेदार मरणासन्न अवस्था में पहुंच गये हैं।

राशन वितरण प्रणाली में राजनैतिक हस्तक्षेप भी बढ़ गया है। विधायकों की सिफारिश पर कोटेदार बनाये और हटाये जा रहे हैं, जिससे भाजपा सरकार बनते ही कुछेक विधायक सिर्फ कोटेदारों से उगाही कर नई कार ले आये थे, इस अनुपात में उन्हें अब तक लाखों रूपये पैदा हो जाते लेकिन, डीएम दिनेश कुमार सिंह के आने के बाद हालात बदल गये, उन्होंने राशन वितरण प्रणाली में सुधार शुरू किया तो, विधायकों की आमदनी भी घट गई, इसलिए राशन माफिया और कोटेदार दिनेश कुमार सिंह के जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मायूस कोटेदारों ने होली न मनाने का संकल्प ले लिया था।

होली की पूर्व संध्या पर कोटेदारों को टेलीग्राम से जैसे ही यह सूचना मिली कि जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह का तबादला हो गया तो, सैकड़ों कोटेदार अपार खुशी के चलते गंदे नालों में कूद गये, परिजन परेशान हैं लेकिन, कोटेदार किसी भी हालत में नाले से बाहर निकलने को तैयार नहीं है, कुछेक कोटेदार हृदय आघात का भी शिकार हो गये हैं। डॉक्टर भी एक दिन पहले ही टल्ली घूमते नजर आ रहे हैं, जिससे कोटेदारों का उपचार झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं, वहीं विधायकों को जिलाधिकारी के जाने की सूचना मिली तो, कुछेक विधायकों ने तत्काल कई पैग मार लिए और एजेंट से बात कर नोयडा में फ्लैट बुक करा दिये, क्योंकि अब कोटेदारों से होने वाली आमदनी से फ्लैट की किश्त आसानी से जमा हो जायेगी।

जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह का तबादला हो जाता तो, ऐसा ही दृश्य होता, जैसा ऊपर लिखा है लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह कहीं नहीं गये हैं, वे पूरी तन्मयता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं और गरीब व आम जनता को उसका हक दिलाने में जुटे हैं, इसलिए ईमानदारी से कार्य करो, गरीब का हक मत मरो, जिसके बाद कोई अंतर नहीं पड़ेगा कि कौन जिलाधिकारी है और कौन आ रहा है। बेईमानों शर्म करो, लानत है तुम्हें, बुरा न मानो होली है।

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