बदायूं के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह क्रीज पर जम गये हैं, वे अब फिल्मी अंदाज में काम करने लगे हैं, जिससे आम जनता के दिलों में उतरते जा रहे हैं। हालाँकि सरकार जिलाधिकारी को इसी आशय से तैनात करती है कि वे जनहित को सर्वोपरि रखें। दिनेश कुमार सिंह कर्तव्य का निर्वहन ही कर रहे हैं लेकिन, लापरवाहों के बाद कोई सक्रिय अफसर आता है तो, जनता न सिर्फ खुश होती है बल्कि, उस अफसर को मसीहा बना देती है। दिनेश कुमार सिंह के साथ भी ऐसा ही होने लगा है, उनकी चारों दिशाओं में जय-जयकार होती दिख रही है।
शुक्रवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह कुंवरगांव से गेहूँ खरीद का निरीक्षण कर लेकर लौट रहे थे। टैम्पुओं एवं अन्य वाहनों पर सवारी लटकी देखकर डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को सवारी लटकाकर चलने वाले वाहनों को रोकने के निर्देश दिए। कुंवरगांव रोड पर टैम्पू संख्या यूपी-24 टी 0454 एवं यूपी-24 टी 1695 को रोककर चालकों सहित थाना कुंवरगांव की पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस लाइन चौराहे पर भी खड़े होकर डीएम ने सवारी लटकाकर चलने वाले वाहनों को देखा तो, दातागंज को जा रही फोर्स गाड़ी संख्या यूपी- 25 बीटी 4278 के पायदान पर भी कई सवारियाँ लटकी पाए जाने पर उसे भी सुरक्षा कर्मियों से रुकवा कर ड्राइवर सहित ट्रैफिक पुलिस के हवाले करते हुए कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। डीएम थोड़ा आगे ही बढ़े तो, ओवरब्रिज पर मैजिक गाड़ी संख्या यूपी- 24 टी 1905 के पायदान पर भी सवारियाँ लटकी पाई गईं। डीएम ने इसे भी चालक सहित पुलिस कर्मियों को सौंप दिया।
जिलाधिकारी ने थानाध्यक्षों को निर्देेश दिए कि सवारी ढोने वाले सभी वाहनों के प्राथमिकता के आधार पायदान कटवाए जाएं। उन्होंनेे कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी वाहन पीछे एवं दाएं-वाएं सवारी लटका कर न चले। उन्होंने एआरटीओ को भी निर्देश दिए कि प्रतिदिन चैकिंग करें और सवारी लटका कर चलने वाले वाहनों के साथ रियायत न बरती जाए। डीएम ने कहा कि बरसों से चली आ रही अव्यवस्था को अब सुधारने की जरूरत है। यात्री भी अपनी जान की कीमत को समझें, इस तरह जोखिम उठाकर सफर करना महंगा पड़ सकता है।
इससे पहले कुंवरगांव के कोटदार ऋषिपाल सिंह को जिलाधिकारी से झूठ बोलना महंगा पड़ गया। डीएम ने सत्यता जानने के बाद कोटे और वितरण अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दे दिए हैं। शुक्रवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कुंवरगांव स्थित पीसीएफ के गेहूँ क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। केन्द्र प्रभारी अवल कुमार गुप्ता नदारद पाए गए, इसी परिसर में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान देखकर डीएम ने उसका भी निरीक्षण कर डाला।
कोटेदार ऋषिपाल सिंह से वितरण अधिकारी के अनुपस्थित पाए जाने के सम्बंध में पूछा तो, उसने बताया कि सांय चार बजे चले गए हैं। डीएम ने मोबाइल से वितरण अधिकारी से वार्ता की तो, उसने डीएम को बताया कि वह एक बजे ही चला गया था। डीएम ने कोटेदार द्वारा झूठ बोलने पर कड़ी नाराज़गी जताई और कोटे को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दे दिए। नगर पंचायत कुंवरगांव के नलकूप चालक पोथीराम को वितरण अधिकारी के रूप में लगाया गया है। डीएम ने उसे भी निलंबित करने को कहा है, इसी गेहूँ क्रय केन्द्र पर एक आढ़ती को डीएम ने मौके पर पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
कुंवरगांव के थानाध्यक्ष को निर्देश दिए कि इसके सम्बंध में पूर्ण जांच की जाए कि यह आढ़ती क्रय केन्द्र पर गेहूँ तो नहीं बेचता है। डीएम ने कुंवरगांव ही राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के दूसरे क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया। केन्द्र प्रभारी प्रमोद गुप्ता भी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने इसके विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को 72 घंटे के भीतर उनके गेहूँ का 1735 रुपए प्रति कुन्तल की दर से भुगतान किया जाए। किसान के गेहूँ के वजन के अनुसार रसीद अवश्य दी जाए तथा किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जाए। उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि बिचौलियों का गेहूँ क्रय कतई न किया जाए। क्रय केन्द्र पर बिचैलियों की नो एंट्री रहे। कृषकों को बैठने के लिए छायादार स्थान तथा पीने के लिए स्वच्छ पानी आदि की व्यवस्थाएं पर्याप्त रहनी चाहिए। डीएम ने किसानों से कहा कि किसी भी कृषक को गेहूँ की तौल कराने में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो, तत्काल उनके नम्बर- 9454417525 एवं सम्बंधित उप-जिलाधिकारी को फोन कर अवगत कराएं, उनकी समस्या का तुरन्त निस्तारण किया जाएगा।
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