बदायूं जिले में महिलाओं के प्रति सोच नहीं बदल पा रही है। महिलाओं का शोषण हर वर्ग में समान तरीके से ही हो रहा है। तमाम लोग सोचते हैं कि बेटी को पढ़ा लिया जाये और पढ़े-लिखे लड़के से विवाह कर दिया जाये तो, परिवार सुखी रहता है लेकिन, महिलाओं का शोषण पढ़े-लिखे तबके में भी किया जा रहा है, ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है। बेटी को न्याय दिलाने के लिए बुजुर्ग पिता अब पुलिस विभाग के कार्यालयों में भटक रहा है।
प्रकरण सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की मधुवन कॉलोनी का है। 65 वर्षीय आनंद प्रकाश जौहरी न्याय विभाग से सेवानिवृत्त हैं, उन्होंने अपनी बेटी स्वाति सक्सेना को पढ़ाया-लिखाया और सिविल लाइंस क्षेत्र के ही निवासी अंकित सक्सेना से वर्ष- 2009 में हंसी-खुशी से विवाह किया। अंकित सक्सेना महाराष्ट्र के औरंगाबाद में प्लाईवुड का व्यापार करता है और वहीं परिवार के साथ रहता है।
स्वाति का आरोप है कि पति और उसका परिवार हिंसक स्वभाव का है। गाली देना और मारपीट करना परिवार का स्वभाव है, ऐसे हिंसक माहौल में वह किसी तरह समय गुजारती रही। जब नहीं सहा जाता था तो, माता-पिता के घर आकर कुछ दिन गुजार जाती थी लेकिन, 25 मई को हर सीमा पार हो गई। पूरे परिवार ने बेरहमी से न सिर्फ पीटा बल्कि, उसे जान से भी मारने का प्रयास किया, फिर भी मौन रही पर, 5 जून को पुनः पीटा और दो महीने के बच्चे को छीन कर घर से बाहर निकालने का प्रयास किया।
पीड़िता ने किसी तरह मायके फोन किया तो, भाई ने प्लेन के टिकट करा दिये। गंभीर रूप से घायल पीड़िता जब मायके आने लगी तो, पति और उसके परिजनों ने गाली देकर भगा दिया और बच्चा छीन लिया। पीड़िता ने बदायूं आकर महिला थाने में तहरीर दी तो, पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें हाथ टूटा हुआ पाया गया है, इसके बावजूद पुलिस राजनैतिक दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है। बुजुर्ग पिता बेटी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहा है।
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