बदायूं जिले की पुलिस की कुख्यात डोडा तस्कर नजमुल के प्रकरण में जमकर फजीहत हो रही है, इसके बावजूद विवेचना स्थानांतरित नहीं की जा रही है। पुलिस के अफसर ही डोडा तस्कर के संबंध में भ्रामक सूचनायें फैलवा रहे हैं। अब आईजी, एडीजी और डीजीपी स्तर से ही डोडा तस्कर नजमुल पर शिकंजा कसा जा सकता है।
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उल्लेखनीय है कि थाना अलापुर पुलिस एवं स्पेशल टीम की संयुक्त कार्यवाही में 15 जुलाई को गभियाई पुलिया के पास अलीशाह के खेत से आशू पुत्र रियासत, श्याम लाल पुत्र रामदीन निवासीगण ग्राम गभियाई थाना अलापुर एवं धर्मेन्द्र कुमार पुत्र रामबहादुर निवासी विरियमपुर सदर कोतवाली को गिरफ्तार किया गया था, इनके कब्जे से 2 मोटर साइकिल, 1 ट्रैक्टर, डोडा पाउडर बनाने की मशीन व 15 बोरी डोडा पाउडर बरामद हुआ था।
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गिरफ्तार किये गये उक्त अभियुक्त कुख्यात डोडा तस्कर नजमुल के नौकर थे। तस्कर नजमुल चकमा देने के लिए अपने अब्दुल्ला डिग्री कॉलेज में डोडा रखता था एवं वहीं से सप्लाई करता था। तस्कर नजमुल पर शिकंजा कसने की जगह मुकदमा अपराध संख्या- 234/19 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट अलापुर थाने से थाना उसावां स्थानांतरित कर दिया गया। मुकदमा में वादी इंस्पेक्टर हैं लेकिन, अब विवेचना सब-इंस्पेक्टर द्वारा की जा रही है, जो ककराला स्थित चौकी के प्रभारी रह चुके हैं।
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सूत्रों का कहना है कि तस्कर नजमुल ने पुलिस विभाग में विभिन्न स्तरों पर एक करोड़ से ज्यादा रुपया पहुंचा दिया है, साथ ही एक अफसर का बेटा बड़े शहर में स्थित एक मंहगे शैक्षिक संस्थान में पढ़ता है, जिसकी एक वर्ष की फीस तस्कर ने ही जमा की है। पुलिस विभाग में हर स्तर पर सबका पेट भर दिया गया है तभी, पुलिस डोडा तस्कर नजमुल पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।
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एक पुलिस अफसर भ्रामक सूचनायें भी फैला रहा है। मीडिया को अफसर ने बताया कि नजमुल गंभीर रूप से बीमार है, इसलिए उसे जेल भिजवाने का दबाव मत बनाओ, इस बारे में पता लगाया गया तो, ज्ञात हुआ कि तस्कर नजमुल लखनऊ में एक नेता के आवास पर मस्ती कर रहा है।
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स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली से स्पष्ट हो चुका है कि वह अब तस्कर नजमुल पर कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि इस बारे में खुल कर पुलिस कुछ कह भी नहीं रही है। यह भी स्पष्ट है कि विवेचना स्थानांतरित हुए बिना अब तस्कर नजमुल पर कार्रवाई नहीं होगी, यह आईजी, एडीजी और डीजीपी के हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी तस्कर नजमुल बचने का प्रबंध कर चुका है, इसलिए आईजी, एडीजी और डीजीपी को तेजतर्रार और ईमानदार अफसर को विवेचना देनी होगी तभी, तस्कर नजमुल जेल जा सकेगा।
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