बदायूं जिले के सहसवान क्षेत्र में तेंदुआ को मौत के घाट उतारने के प्रकरण में दोषी कर्मियों और अफसरों का नपना तय माना जा रहा है, वहीं क्षेत्र में एक और तेंदुआ के पदचिन्ह मिलने से दहशत का माहौल नजर आ रहा है। तेंदुआ की खोजबीन के लिए तीन टीमें गठित कर दी गई हैं।
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उल्लेखनीय है कि सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गाँव जरीफपुर गढ़िया में राह भटक कर किसी तरह एक तेंदुआ आ गया था, जिसने अपने बचाव में कुछ युवकों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद भीड़ ने 12 जनवरी को एकजुट होकर तेंदुआ की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद भी शव को घसीटा गया था। तेंदुआ की हत्या के संबंध में वन विभाग के अफसरों को देर रात तक जानकारी तक नहीं थी। गौतम संदेश में खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया था।
अगले दिन बरेली क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा ने घटना स्थल का निरीक्षण किया था और शव पोस्टमार्टम के लिए बरेली स्थित आरवीआई भिजवाया था, साथ ही हत्यारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को ललित वर्मा और अपर मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव के साथ लखनऊ से मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सुनील पांडेय आये, उन्होंने घटना स्थल को देखने के दौरान क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं अफसरों की जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि दोषियों को दंडित किया जायेगा। प्रकरण की एसआईटी जाँच करेगी।
उधर क्षेत्र में एक और तेंदुआ के पदचिन्ह मिले हैं। माना जा रहा है कि नर तेंदुआ की हत्या कर दी गई है लेकिन, क्षेत्र में मादा तेंदुआ भी है। मादा तेंदुआ की खोजबीन के लिए पांच-पांच सदस्यों की तीन टीमें गठित कर दी गई हैं। अब माना जा रहा है कि मस्ती करते हुए तेंदुओं का जोड़ा दूर तक निकल आया होगा, जो बाद में राह भटक गया होगा, इनमें से एक की बेरहमी से हत्या कर दी गई है।
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