बदायूं जिले में विधान परिषद चुनाव की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। भाजपा में टिकट के दावेदार लखनऊ और दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। देखना यह है कि टिकट का आधार सेटिंग और पैसा रहेगा या, मेहनत? हालांकि आम चर्चा यह है कि पैसे से टिकट मिला तो, दिल्ली में बैठे व्यक्ति को मिलेगा और सेटिंग से मिला तो, किसी फेसबुकिया नेता को मिलेगा। जमीन पर मेहनत करने वालों का नंबर नहीं आयेगा।
विधान परिषद चुनाव में भाजपा से जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता, उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता, राजीव कुमार सिंह, जितेन्द्र यादव, पूनम यादव, सुभाष गुप्ता, डॉ. शैलेश पाठक, वागीश पाठक, अनुज वार्ष्णेय, आकाश वर्मा, सुशील कुमार सिंह, धीरज सक्सेना, धर्मेन्द्र कुमार शाक्य “पप्पू भैया”, डीके भारद्वाज और उमेश राठौर टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं। कुछेक दावेदार पैसे के बल पर अपना टिकट तय मान रहे हैं, वहीं कुछेक नेता सेटिंग के आधार पर खुश दिखाई दे रहे हैं। जमीन पर मेहनत वालों को भी आस दिखाई दे रही हैं पर, उनसे कोई कुछ पूछ तक नहीं रहा है, जिससे मेहनत करने वालों के चेहरों पर मायूसी दिखाई दे रही है।
भाजपा में जमीन पर मेहनत करने वालों को अहमियत दी जाती है लेकिन, दिल्ली में बैठा एक धनाढ्य नेता कई बड़े नेताओं को हर तरह से खुश रखता है, जिससे अधिकांश लोगों को लग रहा है कि टिकट उसका ही तय है, इस नेता ने विधान सभा चुनाव में कोई रूचि नहीं ली थी लेकिन, सभी भाजपा प्रत्याशियों को दो-दो लाख रूपये का चंदा दिया था, जिससे भाजपा विधायक एवं पूर्व प्रत्याशी दिल्ली बैठे नेता के पक्ष में ही लामबंदी करते दिखाई दे रहे हैं, वहीं सेटिंग वाले नेता अपनी सेटिंग के बल पर खुश दिखाई दे रहे हैं।
अब देखना यह है कि शीर्ष नेतृत्व पैसे वालों को वरीयता देगा या, सेटिंग वालों को। भाजपा की प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार बन चुकी है, इसलिए नेतृत्व किसी तरह के दबाव में नहीं है, जिससे आम चर्चा यह भी है कि अब भाजपा में जमीन पर मेहनत करने वालों को अहमियत नहीं दी जायेगी, इसीलिए जमीनी नेता मौन धारण किये हुए हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)