अपहृत बेटे के कारण माँ का बुरा हाल, पिता टूटा, भाई ने लगाई सीएम से गुहार

अपहृत बेटे के कारण माँ का बुरा हाल, पिता टूटा, भाई ने लगाई सीएम से गुहार

बदायूं जिले की पुलिस लापरवाह तो थी ही, मनमानी तो करती ही रहती है, अब संवेदनाओं से भी हीन होती नजर आ रही है। बेटा लापता है, जिसके गम में पूरा परिवार रात-दिन रोता रहता है। घर में कोई त्यौहार नहीं मनाया जा रहा है, भोजन नहीं पक रहा है लेकिन, पुलिस पर कोई असर नहीं है। एडीजी ने भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है पर, पुलिस पीड़ित परिवार को सांत्वना तक देने को तैयार नहीं है।

वारदात बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गाँव निजामुद्दीनपुर शाह की है। अवनीश कुमार गुप्ता का 18 वर्ष का बेटा 11 अगस्त की शाम लगभग 6 बजे दूध लेने गया था, जिसके बाद लौट कर नहीं आया। पिता अवनीश ने अपहरण की आशंका जताई और पुलिस से बरामद करने की गुहार लगाई लेकिन, पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर कर्तव्य पूरा कर लिया।

पुलिस कुछ करती नहीं दिखी तो, बेटे के गम में तड़प रहे पिता ने बेटा का पता देने वाले को एक लाख का इनाम देने की घोषणा कर दी। स्वयं ही पिता इधर-उधर दौड़ता रहा, फोन करता रहा लेकिन, जब थकहार गया तो, पुनः पुलिस की शरण में गया लेकिन, पुलिस ने संतोषजनक न जवाब दिया और न ही कार्रवाई की।

पीड़ित, सीओ, एएसपी (आरए) और एसएसपी से मिला और कोतवाली पुलिस द्वारा बरती जा रही लापरवाही के बारे में अवगत कराते हुए एसओजी को बेटे की बरामदगी के लिए जुटाने का आग्रह किया पर, पीड़ित पिता की गुहार बे-असर साबित हुई। पीड़ित पिता बरेली स्थित अपर पुलिस महानिदेशक से गुहार लगाने पहुंच गया, उन्होंने एसएसपी को निर्देश दिया कि रूचि लेकर लड़के को बरामद करायें और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करें।

अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा दिए गये निर्देश को भी एक सप्ताह बीत गया है पर, पुलिस ने विवेक की बरामदगी की दिशा में अभी तक एक कदम भी नहीं उठाया है, जबकि परिवार के हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। अपहृत विवेक की माँ रात-दिन रोती रहती है, जिससे माँ का स्वास्थ्य भी लगातार खराब हो रहा है। पिता दौड़ता भी रहता है और पुलिस के असहयोग के चलते अंदर से टूट भी रहा है।

गमगीन पिता की समझ में ही नहीं आ रहा कि बेटे की बरामदगी के लिए वह और क्या करे। अपहृत विवेक पर क्या गुजर रही होगी, वह किस अवस्था में है, यह पुलिस ही पता लगा सकती है लेकिन, पत्थर दिल हो चुकी पुलिस पर विवेक की अवस्था और उसके गमगीन पिता, माँ एवं भाई के आसुंओं का भी असर नहीं हो रहा।

यह भी बता दें कि डीजीपी ने संगीन वारदातों के न रुकने के कारण कप्तानों की माइनस रैंकिंग शुरू की है। माइनस अंक कप्तानों से जिला छिनवा सकते हैं एवं पुनः चार्ज मिलने में कठिनाई उत्पन्न कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अपहरण की वारदात होने पर कप्तान के दो अंक माइनस होंगे। संभवतः बिसौली कोतवाली पुलिस विवेक के प्रकरण को अपहरण में इसीलिए दर्ज नहीं कर रही है। गुमशुदा को लेकर पुलिस की कोई जिम्मेदारी तय नहीं है, इसीलिए पुलिस विवेक को बरामद करने में रूचि नहीं ले रही।

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