एडवोकेट पंकज शर्मा
बदायूं जिले में तैनात रहे एक कोतवाल, एक सब-इंस्पेक्टर और चार नामजद सिपाहियों के साथ दो अज्ञात सिपाहियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है, इन पर डकैती का गंभीर आरोप लगा है। प्रकरण 19 वर्ष पुराना है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। लोग पीड़ित के धैर्य, गंभीरता और जुझारूपन की प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं।
प्रकरण बिसौली कोतवाली क्षेत्र का है। गाँव पैगा भीकमपुर निवासिनी शीला पत्नी रामकीर्ति का आरोप है कि 29 अक्टूबर 2001 की रात करीब 12 बजे उस समय के बिसौली के कोतवाल विजय सिंह त्यागी, उप-निरीक्षक योगेन्द्र सिंह, सिपाही प्रमोद कुमार और सिपाही संजय सिंह दो अज्ञात सिपाहियों के साथ घर में घुस आये एवं गहने व बंदूक-कारतूस आदि लूटने लगे। परिजनों ने विरोध जताया तो, उक्त लोग गालियाँ देते हुए गाड़ी में सामान रख कर चले गये। पीड़िता ने सीओ बिसौली से शिकायत की पर, शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई।
रामकीर्ति उस समय सेना में नायक के पद पर कार्यरत थे, वे सूचना पर छुट्टी लेकर आये और उन्होंने बदायूं और बरेली जाकर अफसरों से शिकायत की पर, पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया, जिसके बाद पीड़िता ने धारा- 156 (3) के अंतर्गत न्यायालय से मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई। सुनवाई और बहस के बाद न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया पर, आरोपी उच्च न्यायालय की शरण में चले गये और उन्हें स्टे मिल गया। पीड़िता की ओर से उच्च न्यायालय में लगातार पैरवी की जाती रही।
अब स्टे ऑर्डर समाप्त हो गया है, जिसके बाद बिसौली कोतवाली पुलिस ने 21 सितंबर को मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। 19 साल पुराने मामले में मुकदमा दर्ज होने से लोग स्तब्ध हैं, वहीं लोग पीड़िता के धैर्य, गंभीरता और जुझारूपन की जमकर प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है कि विवेचना में 19 साल पुराने मामले में क्या होता है?
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