बदायूं जिले के कछला स्थित गंगा घाट पर गंगा आरती की शुरुआत हुई तो, जिले भर की जनता ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सहभागिता की। आस्था और श्रद्धा के साथ कछला गंगा घाट पिकनिक स्पॉट भी बनता जा रहा था लेकिन, गंगा आरती की टीम में शातिर अपराधी हावी होने लगे, साथ ही बलात्कार के आरोपी यजमान बनने लगे तो, आयोजकों की आलोचना और निंदा होने लगी। गंगा आरती को पुनः भव्य बनाने की दिशा में वर्तमान डीएम कुमार प्रशांत भी रूचि दिखाने लगे हैं पर, इस बार उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
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केंद्र सरकार द्वारा गंगा की स्वच्छता और पवित्रता के लिए विशेष योजना बनाई गई है, इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी नमामि गंगे प्रकोष्ठ बनाया है, जिसके ब्रज क्षेत्र के संयोजक मनोज कृष्ण गुप्ता हैं। मनोज कृष्ण गुप्ता ने दायित्व संभालते ही जिले भर में कमेटियों का गठन कर दिया और कछला स्थित गंगा घाट पर आरती का शुभारंभ करवा दिया, इस बीच निवर्तमान जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने एक और आरती शुरू करा दी। चूंकि नई आरती की पहल जिलाधिकारी द्वारा की गई, सो उनके साथ समूचा पुलिस-प्रशासन जुट गया, नेता साथ आ गये, मीडिया सहयोग करने लगा, सरकारी और गैर सरकारी धन बहाया जाने लगा, करोड़ों रुपया खर्च कर के 14 जनवरी 2019 से भव्य आरती शुरू हो गई, जिसके ग्लैमर में नमामि गंगे प्रकोष्ठ द्वारा शुरू की गई आरती दब गई, जबकि वह आरती आज भी निरंतर जारी है।
नमामि गंगे से जुड़े लोग आज भी आरती कर रहे हैं पर, वे कभी इसकी चर्चा तक नहीं करते, वे आरती को लेकर कभी कोई विज्ञप्ति जारी नहीं करते, वे किसी से चंदा भी नहीं मांगते, उनके अंदर आरती शुरू करने का अहंकार भी नहीं है, वे शास्त्र के अनुसार विधि-विधान पूर्वक निर्धारित समय पर प्रतिदिन आरती करते हैं, जबकि डीएम की सहभागिता वाली आरती का कोई नियम नहीं है। कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, विधायक सहित अन्य तमाम तरह के वीवीआईपी के अनुसार समय आगे-पीछे होता रहता है, फिर भी आम जनता विरोध नहीं कर रही थी।
प्रशासन द्वारा कराई जा रही आरती की भी आलोचना और निंदा किसी ने नहीं की लेकिन, आरती की आड़ में डीएम कार्यालय पर भू-माफिया, दलाल, भ्रष्टाचारी और अवैध खनन करने वाले हावी होने लगे तो, लोग आलोचना करने लगे। बलात्कारियों को यजमान बनाया जाने लगा। चिन्मयानंद जैसे कुख्यात कथित संत को निवर्तमान डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बुला कर यजमान बनाया और भव्य स्वागत कराया तो, लोगों को दुःख हुआ, इसके अलावा आम जनता मिलने तक को तरस रही थी लेकिन, गंगा आरती के नाम पर स्तरहीन लोग डीएम की गाड़ी को टैक्सी की तरह प्रयोग करने लगे थे, डीएम की गाड़ी तमाम लोगों के घरों पर जाकर लेती थी और फिर देर रात उन्हें घर पर छोड़ कर आती थी, इस सबसे हालात खराब होने ही थे।
इसके अलावा निवर्तमान डीएम दिनेश कुमार सिंह ने टीम बना दी लेकिन, टीम का विधिवत रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया, गंगा आरती का बैंक में एकाउंट नहीं खोला गया, जिससे धन को लेकर संशय की स्थिति बनना स्वाभाविक ही थी। लाखों रुपया खर्च हो गया लेकिन, रुपया कहां से आया और किस मद में कितना खर्च हुआ, इस बारे में आज तक आम जनता को नहीं बताया गया है। कछला नगर पंचायत की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है पर, दबाव बना कर नगर पंचायत का अतिरिक्त धन खर्च करा दिया गया, जबकि वहां कर्मचारियों का वेतन तक निकलना मुश्किल है।
शस्त्र लाइसेंस बनने शुरू हुए तो, आम जनता तरसती ही रह गई लेकिन, गंगा आरती में भाग लेने वालों को प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस जारी किये गये, जिसकी निंदा होनी ही थी, जबकि शस्त्र लाइसेंस बनने के बावजूद तमाम लोग आज तक शस्त्र नहीं खरीद पाये हैं, इसी तरह के अन्य तमाम बिंदु हैं, जिनके कारण डीएम कार्यालय ही संदेह के घेरे में आ गया और डीएम जैसा महत्वपूर्ण दायित्व छोटा नजर आने लगा। सर्वाधिक फजीहत तब जब, गंगा आरती स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित गाय मर गईं, एक ओर गंगा आरती पर लाखों रुपया बहा दिया गया, वहीं गाय के लिए टेंट तक नहीं लगवाया गया।
खैर, अब वर्तमान डीएम कुमार प्रशांत भी गंगा आरती को भव्यता प्रदान करने की पहल करते नजर आ रहे हैं। बताते हैं कि गुरुवार को डीएम कार्यालय में गंगा आरती की टीम के साथ बैठक की गई, जिसमें आरती को पुनः भव्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चा की गई। गंगा आरती को लेकर जिले भर की जनता टीम के साथ है, प्रत्येक व्यक्ति सहभागी भी बनने को आतुर है लेकिन, डीएम कुमार प्रशांत से इतनी आशा प्रत्येक व्यक्ति को रहेगी कि गंगा आरती की आड़ में अपराधी पुनः सक्रिय न हों, वैसे कुमार प्रशांत आईएएस हैं, सो उनसे सबको यही आशा है कि वे डीएम कार्यालय और महत्वपूर्ण दायित्व की गरिमा नहीं गिरने देंगे।
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