बदायूं स्थित न्यायालयों के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ता भड़क गये। न्यायालय परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई। एसएसपी स्वयं भी पहुंच गये। जिला जज ने आरोपित कर्मचारी की भूमिका को लेकर जांच बैठा दी है, जिससे असंतुष्ट अधिवक्ताओं ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि न्यायालय के कार्यालयों में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। अधिवक्ताओं से भी खुलेआम रूपये वसूले जाते हैं। गुरुवार को एक युवती अधिवक्ता से सौ रूपये न देने पर कंप्यूटर ऑपरेटर ने अभद्रता कर दी, जिसके बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो उठे। अधिवक्ताओं को जमा होते देख कर्मचारियों ने भी ताले लगा दिए। हालातों को देखते हुए पुलिस बल बुला लिया गया। न्यायालय परिसर में सीओ सिटी, एएसपी सिटी के साथ एसएसपी स्वयं भी पहुंच गये।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेन्द्र शर्मा, महासचिव पवन गुप्ता औए सिविल बार एसोसिएशन के महासचिव अरविंद पाराशरी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने जिला जज से वार्ता की और घटना की निंदा करते हुए संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की, साथ ही बार के खर्चे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव रखा। जिला जज ने अधिवक्ताओं की बात गंभीरता पूर्वक सुनी और फिर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटी गठित कर जांच आख्या मांग ली। जांच आख्या के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।
अधिवक्ता उक्त कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, जिससे शुक्रवार को हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया गया। निर्णय के अनुसार शुक्रवार को अधिवक्ता न्यायालय परिसर में नहीं जायेंगे, साथ ही प्रत्येक द्वार पर चार वकील खड़े रहेंगे, जो अंदर जाने वाले अधिवक्ताओं को रोकेंगे। हड़ताल शुक्रवार शाम तक रहेगी या, आगे बढ़ेगी, इसका निर्णय शुक्रवार को पुनः लिया जायेगा।
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