बदायूं जिले में अवैध खनन बड़ा कारोबार बन गया है। रात भर न सिर्फ गंगा बल्कि, जिले की हर छोटी नदी का सीना चीरा जाता है। खनन विभाग के अफसर और पुलिस अवैध खनन के कारोबार में बराबर के साझीदार बताये जाते हैं, जिससे सरकार की जमकर फजीहत हो रही है।
अवैध खनन का धंधा करने वाले बड़े माफियाओं का काला साम्राज्य गंगा में फैला है। जिला संभल की सीमा से लेकर जिला शाहजहाँपुर तक की सीमा तक अवैध खनन किया जा रहा है, साथ ही रामगंगा में भी बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है, इसके अलावा जगह-जगह सोत और महाबा नदी में भी प्वाइंट बने हुए हैं, जहाँ से बड़े स्तर पर बालू निकाला जा रहा है। गंगा और रामगंगा के बाद महाबा नदी से बड़े स्तर पर बालू निकाला जा रहा है। महाबा नदी का सबसे बड़ा प्वाइंट थाना जरीफनगर क्षेत्र में हैं, यहाँ से बालू थाना इस्लामनगर क्षेत्र में लाया जाता है, सो माफिया जरीफनगर पुलिस के साथ इस्लामनगर थाना पुलिस को मोटी रकम देते हैं।
गंगा से निकाले जाने वाले बालू का पचास प्रतिशत हिस्सा मुख्यालय पर ही आता है। ट्रैक्टर-ट्रॉली बदायूं लाकर खुलेआम बेचे जाते हैं। बरेली और बिसौली मार्ग पर जाने वाला बालू बाईपास से ही निकाल दिया जाता है, इस सबमें पुलिस बराबर की सहभागी है। बड़े कारोबारी खनन विभाग से मिले हुए हैं लेकिन, छोटे कारोबारियों से खनन विभाग के अफसर बेखबर हैं।
जिले भर में हो रहे अवैध खनन के बारे में कोई अफसर स्वीकार नहीं करता लेकिन, समय-समय पर होने वाली घटनायें पुलिस-प्रशासन की पोल खोल देती हैं। पिछले दिनों दातागंज और उसहैत क्षेत्र में बालू ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली टकरा गये थे एवं बीती रात टीवीएस एजेंसी के गोदाम में दीवार तोड़ कर बालू से भरा ट्रैक्टर घुस गया, जिससे कई बाइक कुचल गईं। लोगों ने गोदाम में घुसे ट्रैक्टर-ट्रॉली को सुबह देखा तो, लोग स्तब्ध रह गये। अब देखते हैं कि पुलिस-प्रशासन अवैध खनन के धंधेबाजों पर शिकंजा कसता है या, नहीं।
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