बदायूं के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह गरीबों को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं, वे गरीबों के हिस्से की निगरानी स्वयं कर रहे हैं। राशन की दुकानों का विशाल टीम से सत्यापन कराया जायेगा, वहीं देर रात अस्पताल और अलाव की व्यवस्था को देखने स्वयं निकल पड़े, इस दौरान उन्होंने ठंड से ठिठुरते लोगों को कंबल भी दिए।
सरकारी सस्ते गल्ले की जिले भर में 1439 दुकानें हैं। तेल, गेहूं और चावल गरीबों तक पहुंच रहा है, इसकी जाँच के लिए जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने 162 अफसरों की विशाल टीम गठित की है, जो गाँव-गाँव जाकर दुकानों का स्टॉक सत्यापित करेगी, साथ ही गरीबों को राशन व तेल मिलने की पुष्टि करेगी। टीम को 10 जनवरी तक अपनी जाँच रिपोर्ट देनी है, इसके अलावा जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि भविष्य में राशन और तेल का वितरण नामित अफसर की उपस्थिति में ही किया जा सकेगा, इस व्यवस्था से जिले भर में गहरे तक जड़ें जमा चुका माफिया राज समाप्त होने की उम्मीद की जा रही है। जिलाधिकारी को तेल माफिया की ओर भी नजरें कड़ी करनी होंगी, क्योंकि सरकारें और अफसर बदलते रहते हैं, पर तेल माफिया का कुछ नहीं होता। बता दें कि तेल माफिया जिले भर के कोटेदारों को एक माह तेल देता है और अगले माह कमीशन, जिससे तेल हर माह बंट पाता।
जिलाधिकारी ने कुछ देर पहले जिला पुरुष अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और रेलवे स्टेशन वगैरह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों से बात की, वहीं अलाव भी जलवाये, इस दौरान उन्होंने जगह-जगह गरीबों को कंबल भी वितरित किये। जिलाधिकारी की कार्य प्रणाली और व्यवहार से आम जनता खुश नजर आ रही है।
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