बदायूं जिला माफियाओं के जाल में लगातार फंसता जा रहा है। गरीब तबका और युवा जमकर माल फूंकते नजर आ रहे हैं, वहीं सट्टा भी खुलेआम हो रहा है। माल बेचने और फूंकने के वीडियो व फोटो भी वायरल हो रहे हैं लेकिन, मिलीभगत के चलते पुलिस वायरल वीडियो और फोटो पर ध्यान तक नहीं दे रही है, जिससे पुलिस-प्रशासन के साथ सरकार तक की फजीहत हो रही है।
शहर में चरस और पत्ती का माफिया बाढ़ की तरह लगातार विकराल रूप धारण करता जा रहा है, इसकी जड़ें ग्रामीण क्षेत्रों में भी गहरे तक फैल गई हैं। माफिया को दिन भर पुलिस के आस-पास ही देखा जा सकता है, इसी तरह सट्टे का माफिया भी खुलेआम सट्टा करवा रहा है। नशा और सट्टा गरीब तबके के साथ युवाओं को बर्बाद कर रहा है। युवा चौबीस घंटे माल की गिरफ्त में रहने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि नशे की की पुड़िया को युवा माल कहते हैं। माफिया ने शहर के व्यस्ततम हाई-प्रोफाइल क्षेत्रों तक माल पहुंचा दिया है। रोडवेज बस अड्डे पर चौबीस घंटे पुलिस रहती है, इसके बावजूद यहाँ एक खोखे पर खुलेआम माल बेचा जा रहा है, इसी तरह खुलेआम सट्टा लगवाया जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि काफी समय से नशे की पुड़िया बनाने के और नशा करते युवाओं के वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। वायरल फोटो-वीडियो संबंधित क्षेत्र की पुलिस के संज्ञान में भी हैं पर, पुलिस ने आज तक वायरल फोटो-वीडियो को संज्ञान तक में नहीं लिया है, इससे स्पष्ट है कि पुलिस माफियाओं के साथ मिली हुई है तभी कार्रवाई नहीं कर रही है।
हालाँकि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा तेजतर्रार और ईमानदार बताये जाते हैं, इसी तरह अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) और अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) की भी छवि अच्छी बताई जाती है, सो माफियाओं ने सेटिंग निचले स्तर पर की है। सूत्रों का कहना है कि माफियाओं ने थाना प्रभारी, क्षेत्र के सब-इंस्पेक्टर और सिपाहियों के स्तर पर सेटिंग की है, इसीलिए नशे और सट्टे का धंधा लगातार प्रगति करता नजर आ रहा है, इस ओर एसएसपी को स्वयं ध्यान देना होगा और व्यक्तिगत रूचि लेकर माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराना होगी तभी युवाओं का जीवन बर्बाद होने से बच सकेगा।
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