बदायूं जिले में जितना शोर किया जा रहा है, उतना असर दिख नहीं रहा है। हर क्षेत्र में व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश देने के बाद हालात और खराब हो गये हैं, अब गधा भी अंदर आराम करते हुए नजर आने लगे हैं।
सांसद धर्मेन्द्र यादव का राजकीय मेडिकल कॉलेज ड्रीम प्रोजेक्ट है, उन्होंने व्यक्तिगत रूचि लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराई। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में आकर नींव रखी। सांसद ने धन की कमी कभी नहीं आने दी। समय-समय पर वे स्वयं भी निरीक्षण कर गुणवत्ता परखते रहते थे, उनकी निजी सक्रियता के चलते राजकीय मेडिकल कॉलेज बनने का सपना साकार तो गया लेकिन, चुनाव हो गये तो, सपा सरकार जाने का असर निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज पर भी पड़ा।
सांसद ने हार नहीं मानी, वे सार्वजनिक मंचों से भाजपा के विधायकों और नेताओं को विकास कार्यों की गति न रुकने देने की चुनौती देते रहे, इस दबाव में भाजपा नेता भी सक्रिय हुए और शासन स्तर पर जाकर पैरवी करने लगे। राजकीय मेडिकल कॉलेज को किश्त जारी कराने में सफल हो गये तो, सांसद के ड्रीम प्रोजेक्ट पर कब्जा करने का भी प्रयास करने लगे।
पिछले दिनों दर्जा राज्यमंत्री वीएल वर्मा, विधायक महेश चंद्र गुप्ता, विधायक धर्मेन्द्र शाक्य ने डीएम सहित तमाम अफसरों के साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, इस दौरान तमाम अनियमिततायें मिलीं, जिन्हें सुधारने के कड़े निर्देश दिए गये लेकिन, निर्देशों का उल्टा असर हुआ है। अब राजकीय मेडिकल कॉलेज के अंदर गधे आराम करते नजर आ रहे हैं, इस दृश्य ने सरकार और प्रशासन की फजीहत करा दी है।
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