बदायूं जिले के कुछेक अफसरों ने कुख्यात संत चिन्मयानंद को विशिष्ट सम्मान दिया था। गंगा आरती में बुला कर मुख्य अतिथि बनाया था, अब चर्चा है कि चिन्मयानंद को गंगा आरती फली नहीं। यौन उत्पीड़न के आरोपी को सभ्रांत लोग घर में बैठाना पसंद नहीं करते, ऐसे कुख्यात चिन्मयानंद को गंगा आरती में मुख्य अतिथि बना कर कुछेक अफसरों ने प्रशासन और शासन की फजीहत करा दी थी, जिसकी अब पुनः व्यापक स्तर पर चर्चा हो रही है।
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उल्लेखनीय है कि 30 नवंबर 2011 को शाहजहाँपुर की सदर कोतवाली में पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध उसकी शिष्या द्वारा मुकदमा अपराध संख्या- 1423/2011 दर्ज कराया गया था, जिसमें गंभीर आरोप लगाये गये थे। मुकदमे में कई उतार-चढ़ाव आये। आरोपी चिन्मयानंद के प्रभावशाली होने के चलते डीआईजी- बरेली ने बदायूं जिले की पुलिस से विवेचना कराई थी। बदायूं की पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, जिसके विरुद्ध आरोपी चिन्मयानंद उच्च न्यायालय की शरण में चले गया और वर्ष- 2012 में जिला न्यायालय की कार्रवाई पर रोक लगवाने में सफल हो गया।
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भाजपा की प्रदेश में सरकार बनी तो, आरोपी ने उच्च न्यायालय में मुकदमा संख्या- 43082/2012 को वापस ले लिया एवं सरकार ने मुकदमा वापस लेने का आदेश कर दिया लेकिन, न्यायालय ने सरकार के आदेश को निरस्त कर चिन्मयानंद का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया, जिसके विरोध में चिन्मयानंद पुनः उच्च न्यायालय की शरण में चला गया, जहाँ से एक बार फिर गैर जमानती वारंट पर रोक लग गई लेकिन, मुकदमा संख्या- 23160/18 अभी तक विचाराधीन बताया जा रहा है।
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ऐसे जघन्य आरोप के बावजूद शाहजहाँपुर में चिन्मयानंद के चेलों ने यह बात फैला दी कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी उनके इशारे पर ही कार्य करते हैं, इस अफवाह को सही मानते हुए शाहजहाँपुर का जिला प्रशासन चिन्मयानंद की चरण वंदना करने लगा। सीडीओ ने चिन्मयानंद की आरती तक उतार दी, इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शासन ने सीडीओ को हटा दिया था एवं एसएसपी को भी हटा दिया था, इस घटना से बदायूं के अफसरों ने सबक नहीं लिया।
बदायूं के शातिर अफसरों ने मुख्यमंत्री से नजदीकी स्थापित करने की नीयत से कुख्यात चिन्मयानंद को 22 जून 2019 को गंगा आरती में मुख्य अतिथि बनाने के लिए आमंत्रित कर लिया। चिन्मयानंद पर एक बार फिर जघन्य आरोप लगा है। शाहजहाँपुर की चौक कोतवाली में छात्रा को अप्रिय घटना के बाद गायब करने का मुकदमा दर्ज हो गया है, इस बारे में लोगों को पता चला तो, लोग कह उठे कि चिन्मयानंद को आरती फली नहीं। मुख्यमंत्री को बदायूं के अफसरों की गतिविधियों की जाँच कर कार्रवाई करना चाहिए ताकि, समाज में सरकार की छवि स्त्री विरोधी न बन सके, ऐसे अफसर किसी के सगे नहीं होते, यह सत्ता के साथी होते हैं।
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