बदायूं में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा मायावती डरी हुई हैं, उनके कारण कांग्रेस से गठबंधन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अभी समय है, मिल कर बात करनी चाहिए। पिछले दिनों अखिलेश यादव से हुई मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि अखिलेश के भाई की वजह से टिकट कटा था।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा-बसपा से कांग्रेस का गठबंधन न होने के सवाल पर सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा कि अखिलेश यादव गठबंधन चाहते थे लेकिन, मायावती को यह डर था कि वह जो वोट कांग्रेस से निकाल कर लाई हैं, वह वापस कांग्रेस को न मिल जाये, वह गठबंधन से घबरा रही थीं। उन्होंने कहा कि दो सीटें छोड़ दी हैं लेकिन, कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है, जो दो सीटों पर लड़े। बोले- बातचीत होनी चाहिए। कांग्रेस अगर, गठबंधन करेगी तो, कुछ ऐसी सीटों पर करेगी कि कांग्रेस की भी इज्जत रहे पर, कांग्रेस की कितनी सीटों में इज्जत है, यह उन्होंने नहीं बताया।
पिछले दिनों सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव के बेटे की शादी में अखिलेश यादव से सलीम इकबाल शेरवानी की भेंट हुई थी, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें अखिलेश से गोपनीय बात करनी होगी तो, वे लखनऊ में कर सकते थे। बोले- शादी में शामिल हुए थे सिर्फ, राजनैतिक मुलाकात नहीं थी, साथ ही कहा कि वे मौजूदा सांसद थे, उनका टिकट अखिलेश के भाई की वजह से ही कटा था।
बता दें कि सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पांच बार सांसद रहे हैं। वर्ष- 2009 में धर्मेन्द्र यादव को सपा ने टिकट दे दिया तो, सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तीसरे नंबर पर खिसक गये थे, जिसके बाद से वे पिच खोज रहे हैं। पिछली बार आंवला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े तो, कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जमानत गवां बैठे, इसलिए सलीम इकबाल शेरवानी लौट कर पुनः बदायूं आ गये हैं और कांग्रेस में टिकट की दावेदारी ठोंक रहे हैं, उन्होंने मंगलवार को चुनाव कार्यालय का उद्घाटन भी कर दिया। पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी का बदायूं में आशियाना नहीं है।
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