बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य को अपमानित करना तीन सिपाहियों को भारी पड़ गया है। हालाँकि वे अपनी ड्यूटी ही कर रहे थे पर, दबाव में एसएसपी ने तीनों को निलंबित कर दिया है। थाना सिविल लाइन में एसओ की भी तैनाती कर दी गई है।
सोमवार को बदायूं गौरव महोत्सव का उदघाटन करने राज्यपाल आये थे, इस समारोह के आयोजक पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य ही थे लेकिन, संयोजक के रूप में प्रचारित अमन मयंक शर्मा को किया गया था। बताते हैं कि सिपाही राहुल धामा, सिपाही सर्जन सिंह और सिपाही विनीत कुमार ने मुख्य गेट पर भगवान सिंह शाक्य को जाने से रोक दिया, जिससे वे अपने आवास पर लौट गये थे। समारोह शुरू होने के बाद वे बाद में आये थे।
एसएसपी अशोक कुमार ने उक्त तीनों सिपाहियों को लापरवाह पाया, जिससे उन्हें निलंबित कर दिया गया लेकिन, यह नहीं बताया गया है कि निलंबित किये गये सिपाहियों को ऐसी कोई सोची दी गई थी कि वे किसे जाने दें और किसे न जाने दें, उन्हें किसी को रोकने का अधिकार नहीं था तो, उन्हें गेट पर रोकने को तैनात क्यों किया गया था। सवाल यह भी है कि पुलिस-प्रशासन ने परिचय पत्र जारी किये थे क्या?
पुलिस विभाग में सिपाही सबसे छोटी इकाई होती है और सर्वाधिक मेहनत सिपाही ही करते हैं, फिर भी उन्हें आसानी से शिकार कर दिया जाता है, वे अफसरों के निर्देश का ही पालन कर रहे थे। अगर, कोई ऐसा व्यक्ति चला जाता, जिसे नहीं जाने देना चाहिए था, उस पर भी सिपाही ही निलंबित किये जाते। प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।
उधर एसएसपी ने थाना सिविल लाइन में अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अनिल कुमार सिरोही को प्रभारी के रूप में तैनात किया है, वे क्राइम ब्रांच में तैनात थे। यह भी बता दें कि एक इंस्पेक्टर ने एसओ सिविल लाइन बनने की खुशी में दो दिन पहले पत्रकारों को पार्टी भी दे दी थी, वे अब मुंह छुपाते नजर आ रहे हैं।
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