बदायूं जिले के कद्दावर नेता पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने नई पहल की है। आबिद रजा ने ऐसा मुद्दा उठाया है, जिसे देश भर में व्यापक स्तर पर समर्थन मिल सकता है। उन्होंने इमामों, पुजारियों और पादरियों सहित हर धर्म के गुरुओं को भत्ता देने की मांग की है। इमामों ने आबिद रजा को मिशन चलाने के लिए एकमत से समर्थन भी दिया।
लालपुल स्थित आरफीन मैरिज लॉन में मस्जिदों के इमामों का जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए आबिद रजा ने कहा कि अध्यापक दुनियावी शिक्षा देते हैं, वैसे ही आप आप लोग धर्म की शिक्षा देते हैं पर, आप लोगों के साथ नाइंसाफी हो रही है, क्योंकि अध्यापकों को वेतन मिलता है और आपको सरकार कुछ नहीं देती। सरकारें विधवा पेंशन देती हैं, वृद्धावस्था पेंशन देती हैं, बेरोजगारी भत्ता देती हैं, उसी तरह धर्म गुरुओं को भी सरकार को भत्ता देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चाहे वह मंदिर का पुजारी हो, चाहे मस्जिद का इमाम हो, गिरिजाघर का पादरी हो या, गुरुद्वारे की खिदमत करने वाला हो, दरगाहों के खादिम हों, चाहे मठ के प्रभारी हों, सबको सरकारी भत्ता मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हमारी सरकार नहीं है लेकिन, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से सरकारों तक आपकी आवाज पहुंचाने का काम करूंगा। आबिद रजा ने कहा मिशन: मुस्लिम राजनैतिक अभियान, इसलिए चला रहा हूँ, ताकि आपके वोट जहां जायें अहमियत के साथ जायें। आप अपना वोट अपनी कौम का मजबूत वकील बना कर दें।
मौलाना शमीम ने कहा जब भारत की धरोहर लाल किले को मोदी जी ने 25 करोड़ में गिरवी रख दिया था तब, आबिद रजा ने अखबारों के माध्यम से चंदा कर के 50 करोड़ में लाल किला लेने की बात कही थी। मौलाना लायक अली ने कहा जब भी किसी गरीब की या, कौम की बात आती है तब, आबिद रजा मजबूती से पार्टी फोरम पर हमारी आवाज उठाते हैं। संचालन कर रहे मौलाना अतीक उर रहमान कादरी ने कहा कि 22% वालों ने 8% और 4% वालों को अब तक मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री बनाया है। हमें क्या मिला, हम वोट तो देंगे लेकिन, हर सवाल का जवाब भी मांगेंगे, उन्होंने कहा जिन बड़े-बड़े टोपी वालों को पार्टी में पद दिए गए, उन्होंने कौम व मिल्लत के लिए क्या किया, यह बताएयें?, ऐसे लोगों ने कौम व मिल्लत की परवाह कभी नहीं की बल्कि, अपनी कुर्सी की परवाह की कि कहीं उनकी कुर्सी न चली जाये। कौम का अगर कोई रहनुमा है तो, वह कौम व मिल्लत का शेर आबिद रजा है।
इमामों ने आबिद रजा को यकीन दिलाया कि हम न सिर्फ आपके मिशन का सहयोग करेंगे बल्कि, आपके मिशन की कामयाबी के लिए दुआ भी करेंगे। अंत में आबिद रजा ने कहा इस मिशन को कामयाब करने के लिए हम पूरे जिले का दौरा करेंगे तथा इस मिशन के समर्थन के लिए बहुत जल्द हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। सम्मेलन में मौलाना शमीम हुसैन कादरी, मौलाना अतीक उर रहमान कादरी, मौलाना लाइक अली ,मौलाना फिदा हुसैन, मौलाना नुसरत अली, मौलाना नूरुद्दीन, मौलाना जाने आलम, मौलाना इस्तखार, मौलाना मोहम्मद असलम कादरी, मौलाना सद्दाम हुसैन, मौलाना नजमुल हसन, मौलाना नसीम अहमद, मौलाना हाशिम, मौलाना तस्दीक रजा, मौलाना इफ्तिखार कादरी, मौलाना तालिब हुसैन, मौलाना शकील अहमद, मौलाना फारूक, मौलाना गुलाम नबी, मौलाना सुभान उल हसन, मौलाना अफरोज रजा, मौलाना बारिस हुसैन, मौलाना इरशाद हुसैन कादरी, मौलाना सदाकत हुसैन, मौलाना इमाम रजा, मौलाना वली मोहम्मद, हाफिज हारुन रजा, हाफिज नबी हसन, मौलाना मेहंदी हसन, मौलाना खलील अहमद मौलाना, सलाउद्दीन, मौलाना ताहिर उद्दीन कादरी, मोहम्मद सकलैन रजा कादरी, मोहम्मद इफ्तेखार कादरी, मोहम्मद हाशिम कादरी, मौलाना हसनैन कादरी, मौलाना गुलाम जिलानी, मौलाना अख्तर रजा, मौलाना मुस्तकीम कादरी, मौलाना तालिब हुसैन, मौलाना नसरत रजा, मौलाना इब्ने हसन, मौलाना नबी हसन, मौलाना अखलाक हुसैन, मौलाना शाहिद हुसैन, मौलाना मारूफ कादरी, मौलाना मोहम्मद नाजिम कादरी, मौलाना मोहम्मद फहीम रजा, मौलाना मोहम्मद शमीम रजा और मोहम्मद सलीम कादरी सहित बड़ी संख्या में इमाम मौजूद रहे।
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