बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध प्रमुख विपक्षी आवाज बन कर उभरे हैं पूर्व मंत्री आबिद रजा, वे स्टार प्रचारक के रूप में जिले भर में भाजपा और सपा का जमकर विरोध करते दिखाई दे रहे हैं। आक्रामक तकरीरों के कारण आबिद रजा को आम जनता फायर ब्रांड नेता के रूप में संबोधित करने लगी है। भाजपा और सपा पर जोरदार हमला करने के कारण आबिद रजा की धमक तमाम पार्टियों के प्रांतीय और राष्ट्रीय नेताओं तक गई है, जिससे उन्हें अपने पाले में खींचने के प्रयास होने लगे है।
बीती रात बहुजन समाज पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन जिले के बसपा प्रत्याशियों के साथ आबिद रजा के आवास पहुंचे, उनके बीच कई घंटे तक राजनैतिक चर्चा हुई। चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई लेकिन, आबिद रजा हाल-फिलहाल बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण नहीं करेंगे, वे धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध तटस्थ होकर ही जंग लड़ेंगे। आबिद रजा नई सपा की जड़ों में मट्ठा डालने का कार्य कर रहे हैं और वे इस कार्य में सफल होते दिखाई भी दे रहे हैं। आबिद रजा के प्रयासों से बसपा प्रत्याशी त्रिकोणीय संघर्ष कराने में सफल हो रहे हैं। हालात ऐसे ही बने रहे तो, सपा प्रत्याशियों को भाजपा से नहीं बल्कि, आबिद रजा से जूझ पाना मुश्किल साबित होगा।
बता दें कि आबिद रजा को समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया, उनका दावा है कि उन्हें अंतिम दिन तक टिकट देने का आश्वासन दिया गया था, उनके साथ धोखा हुआ है पर, वे मौन नहीं बैठे, उन्होंने स्वयं चुनाव न लड़ कर समाजवादी पार्टी के विरुद्ध मोर्चा खोलने का निर्णय लिया। आबिद रजा नई सपा और धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध जंग का ऐलान कर चुके है। माना जा रहा है कि वे अब लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। आबिद रजा लोकसभा चुनाव लड़े तो, वे भाजपा और सपा की साँसें रोक सकते हैं।
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