बदायूं जिले की एक मुस्लिम युवती का पहले दहेज को लेकर जमकर उत्पीड़न किया गया और फिर उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया गया। पीड़ित युवती की धर्म के किसी व्यक्ति ने मदद नहीं की तो, उसने न सिर्फ हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया बल्कि, उसने हिंदू-रीति-रिवाज से विवाह भी कर लिया।
बदायूं जिले के थाना अलापुर क्षेत्र में स्थित कस्बा ककराला निवासी एक युवती का पहले निकाह हो चुका है, उसने जिलाधिकारी के नाम दिए शपथ पत्र में लिखा है कि उसे दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाता था, जिसको लेकर 30 सितंबर 2018 को उसे तलाक देकर और मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। आरोप है कि उसका मुस्लिम धर्म के किसी व्यक्ति ने साथ नहीं दिया। उसका सहारा एक हिंदू परिवार बना, जिसके साथ वह मंदिर में जाने लगी। पूजा-पाठ देख कर और भागवत व रामायण सुन कर उसकी हिंदू धर्म में आस्था जागृत हो गई, जिसके चलते उसने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया।
धर्म परिवर्तन के बाद संभल जिले के एक हिंदू धर्म के युवक से विवाह होना तय हो गया। अखिल भारत हिंदू महासभा के सहयोग से उसका राधा-माधव मंदिर में हिंदू पद्धति से विवाह हुआ, इस दौरान दूल्हे के परिजनों के अलावा महासभा के प्रांतीय संयोजक मुकेश सिंह पटेल, वीरेन्द्र गौड़, शिवम अग्रवाल, राहुल पटेल, सूरज पाल, राजू सागर और विनीत कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे, जिन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया।
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