बदायूं जिले की भी आम जनता कोविड- 19 से जूझ रही है। पुलिस-प्रशासन लगातार जुटा हुआ नजर आ रहा है। आम जनता के साथ नेता और अफसर भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। डीएम दीपा रंजन, एडीएम (प्रशासन) ऋतु पुनिया, दातागंज के एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ अन्य तमाम कर्मचारी पॉजिटिव हो गये हैं। ऑक्सीजन को लेकर हर कोई चिंतित दिखाई दे रहा है, ऐसे चिंताजनक वातावरण में कुछेक भ्रष्ट आपदा को भी अवसर के रूप में देख रहे हैं और पुलिस-प्रशासन की व्यस्तताओं का दुरूपयोग करते हुए जमकर जेबें भरते नजर आ रहे हैं।
ऑक्सीजन की कमी की खबरें आईं तो, सोशल साइट्स पर आम जनता पेड़ लगाने का आह्वान करने लगी, ऐसे द्रवित कर देने वाले क्षणों में फैजगंज बेहटा थाना पुलिस ने कस्बा मुड़िया धुरेकी के जंगल में प्रतिबंधित आम का हरा बाग कटवा दिया। दरिंदे माफिया जिस समय पेड़ों पर कुल्हाड़ियाँ बरसा रहे थे, उसी समय थाना प्रभारी अजय सिंह को सूचना दी गई तो, उनका जवाब था कि वन विभाग का मामला है, वे कुछ नहीं कर सकते। बिसौली के एसडीएम को बताया गया तो, उन्होंने कह दिया कि वे अभी पता करवाते हैं। डीएफओ को बताया गया तो, उन्होंने क्षेत्र के संबंधित अफसर को कार्रवाई करने के निर्देश देने का आश्वासन दिया लेकिन, खबर लिखे जाने तक दरिंदे माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही लकड़ी जब्त की गई है। पेड़ काटने वाला माफिया सुबूत तक मिटाने में जुटा हुआ है।
आम का हरा बाग कटते हुए हर किसी की आंख नम थी। जब दुनिया जीवन और मौत से जूझ रही है, ऐसे वातावरण में भी कोई चंद पैसों के लिए घृणित कार्य कैसे कर सकता है? यह सोच कर अधिकांश लोग स्तब्ध दिखाई दे रहे हैं। पुलिस-प्रशासन में बैठे कुछेक अफसरों की आँखों का पानी पूरी तरह मर गया है, जिससे अब डीएम दीपा रंजन और एसएसपी संकल्प शर्मा से आशा व्यक्त की जा रही है कि वे ही दरिंदे माफियाओं के साथ पुलिस-प्रशासन के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करेंगे।
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